विजय माल्या को गिरफ्तार ना करने के लिए सीबीआई ने लिखित में आदेश दिया था। विजय माल्या के देश से भागने को लेकर मोदी सरकार फंसती जा रही है। इस मामले में वित्त मंत्री अरुण जेटली से लेकर प्रमुख जांच एजेंसी (सीबीआई) भी संदेह के घेरे में है।

आरोप है कि माल्या को भगाने की तैयारी पहले से चल रही थी जिसमें सीबीआई ने सरकार के इशारे पर प्रमुख भूमिका निभाई।

पिछले हफ्ते ही लंदन में कोर्ट के बाहर माल्या ने कहा कि वो भारत छोड़ने से पहले वित्त मंत्री अरुण जेटली से मिले थे और अपने जाने के बारे में उन्हें सूचित भी किया था। इसके बाद से वित्त मंत्री पर कई सवाल उठे हैं।

पूछा जा रहा है कि वित्त मंत्री ने इस बात की सूचना जांच एजेंसी को क्यों नहीं दी। इसके अलावा कई चौंकाने वाले खुलासे भी सामने आए हैं।

दरअसल, माल्या के खिलाफ 2015 में ही एफआईआर दर्ज हो चुकी थी। उनपर भारतीय बैंकों का 9000 करोड़ रुपए से ज़्यादा का कर्ज है। सीबीआई ने माल्या की गिरफ़्तारी के लिए 2015 में ही ‘लुकआउट’ नोटिस निकाला था।

मतलब कि उनके भारत में प्रवेश करते ही उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाए। लेकिन सीबीआई ने कुछ महीने बाद ही इस नोटिस को बदलकर गिरफ़्तारी की जगह इमिग्रेशन विभाग से सिर्फ माल्या के देश में आने पर एजेंसी को सूचित करने के लिए कहा।

ये बात सामने आने पर पिछले हफ्ते एक न्यूज़ एजेंसी के मुताबिक, सीबीआई ने बताया कि वो ‘एरर ऑफ जजमेंट’ था। मतलब कि ऐसा गलती से हो गया था।

लेकिन इंडियन एक्सप्रेस को मिले कुछ दस्तावेजों के मुताबिक, सीबीआई ने लिखित रूप से मुंबई पुलिस से कहा था कि हमें माल्या के बारे में चुपचाप बता देना। हिरासत में लेने की आवश्यकता नहीं है।

16 अक्टूबर 2015 को अपने पहले लुक आउट नोटिस में सीबीआई ने फार्म में ‘भारत छोड़ने से रोकने संबंधि विषय’ बाक्स को भर दिया था। दूसरा लुक आउट नोटिस 24 नवंबर 2015 को जारी किया गया था, जब देर रात माल्या ने दिल्ली में लैंडिंग की थी। इसमें मुंबई पुलिस की विशेष शाखा को भेजा गया एक कवर लेटर था।

इस दूसरे लुक आउट नोटिस फार्म में जिस बाक्स को चुना गया था, वह ‘विषय के आने / जाने के के बारे में सूचित करें।’ यानि साफ तौर पर कहा गया कि गिरफ्तार करने की जरूरत नहीं है। सिर्फ सूचना दे दें।

यही नोटिस माल्या के देश छोड़ने को लेकर भी जारी रहा। जब चार महीने बाद 2 मार्च, 2016 को माल्या ने देश छोड़ा तो इमिग्रेशन विभाग ने सीबीआई को सूचित किया लेकिन सीबीआई कुछ नहीं कर पाई। अब ब्रिटेन से उन्हें प्रत्यर्पित करने की कार्यवाही चल रही है।

अब मोदी सरकार पर आरोप लग रहा है कि ये सब सरकार के इशारे पर हुआ। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी ने कहा है कि सीबीआई सीधा प्रधानमंत्री को रिपोर्ट करती है। देश से भागने में उन्होंने माल्या की मदद की।

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