मंदिर मस्जिद और अहम मुद्दों को छोड़कर बिना की वजह के मुद्दे पर बार डिबेट करने वाली गोदी मीडिया को सुप्रीम कोर्ट ने गोदी मीडिया पर सवाल खड़े किये है।
सुप्रीम कोर्ट ने एक सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा ने इलेक्ट्रॉनिक मीडिया को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि इलेक्ट्रॉनिक मीडिया को खुद को सिंहासन पर बैठे हुए पोप की तरह नहीं महसूस करना चाहिए।
दीपक मिश्रा ने कहा कि इलेक्ट्रॉनिक मीडिया ये नहीं सोच सकता कि वो रातों रात पोप बन सकता है। चीफ जस्टिस ने कहा कि कई लोगों ये भ्रम है की वो कुछ भी लिख सकते है। मगर ऐसा नहीं होना चाहिए।
उन्होंने आगे कहा कि इलेक्ट्रॉनिक मीडिया और वेबसाइट्स को ये पता होना चाहिए की वो आधारहीन और भड़काऊ खबरें नहीं छाप सकते है।
चीफ जस्टिस ने मीडिया की आज़ादी पर उठने वालों पर सवालों का जवाब देते हुए कहा कि ‘ मीडिया की स्वतंत्रता को दबाने का तो कोई सवाल नहीं पैदा होता है।
उन्होंने कहा कि मैंने खुद कई बार कोशिश की है मीडिया की आज़ादी बरक़रार रहे मगर हम मीडिया खासकर की इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से भी जिम्मेदारी की उम्मीद करते हैं। मिश्रा ने कहा कि लोकतंत्र के लिए सभी को अपनी जिम्मेदारी बेहतर ढंग से समझनी होगी।