अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) के चुनाव प्रचार का ज़िक्र करते हुए पीएम मोदी ने वो किया जो किसी भी नेता ने आजतक शायद ही किया होगा। पीएम मोदी ने ट्रंप की मौजूदगी में कहा कि भारत के लोग अच्छे से ख़ुद को राष्ट्रपति ट्रंप के साथ जोड़ पाए हैं और कैंडिडेट ट्रंप के शब्द “अबकी बार ट्रंप सरकार” भी हमें स्पष्ट समझ में आए थे।
प्रधानमंत्री के इस बयान पर विपक्षी दलों ने हंगामा शुरू कर दिया है। कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने इस मामले पर पहले पीएम मोदी पर जमकर निशाना साधा था।
उन्होंने कहा था कि, आपने दूसरे देशों के आंतरिक चुनावों में दख़ल न देने के भारतीय विदेश नीति के स्थापित सिद्धांत का उल्लंघन किया है। यह भारत के दीर्घकालिक कूटनीति हितों के लिए अभूतपूर्व झटका है।
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अब इस मामले पर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पीएम मोदी से सवाल किया है। गहलोत ने पूछा- 70 साल के इतिहास में पहली बार हुआ होगा कि देश के प्राइम मिनिस्टर किसी दूसरे देश में जाकर पर्टिकुलर कैंडिडेट के बारे में और उसकी पार्टी के बारे में खुले रूप में कैम्पेन करें “अबकी बार ट्रंप सरकार”, मैं समझता हूं इसकी जितनी आलोचना की जाए उतनी कम है।
70 साल के इतिहास में पहली बार हुआ होगा कि देश के प्राइम मिनिस्टर किसी दूसरे देश में जाकर पर्टिकुलर कैंडिडेट के बारे में और उसकी पार्टी के बारे में खुले रूप में कैम्पेन करें "अबकी बार ट्रंप सरकार", मैं समझता हूं इसकी जितनी आलोचना की जाए उतनी कम है।
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गहलोत ने कहा कि व्यक्तिगत दोस्ती अपनी जगह है उसे जिंदगी भर निभाओ, हमें कोई एतराज नहीं है परंतु देश को रिप्रेसेन्ट करने वाले पीएम इस प्रकार कैंपेन करे इसे देशवासी किसी भी रूप में उचित नहीं मान सकते। आज़ादी के बाद में मोदी जी ने ये जो नई परम्परा शुरू की है, यह विदेश नीति की मूल भावना के खिलाफ है।
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यदि किसी मुल्क में हमारे प्राइम मिनिस्टर जाकर एक पॉलिटिकल पार्टी को सपोर्ट करेंगे, उसके लिए कैम्पेन करेंगे और किसी दूसरी पार्टी के Prime Minister/President बन गए, चाहे अमेरिका हो या कोई अन्य देश हो, ऐसे में उस देश के साथ हमारे रिश्ते क्या होंगे?
यदि किसी मुल्क में हमारे प्राइम मिनिस्टर जाकर एक पॉलिटिकल पार्टी को सपोर्ट करेंगे, उसके लिए कैम्पेन करेंगे और किसी दूसरी पार्टी के Prime Minister/President बन गए, चाहे अमेरिका हो या कोई अन्य देश हो, ऐसे में उस देश के साथ हमारे रिश्ते क्या होंगे?
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उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया के माध्यम से नई पीढ़ी को गुमराह किया जा रहा है और उसके लिए करोड़ों रुपए खर्च किये जा रहे हैं, टीमें बैठी हुई है जिनका काम मोदी-मोदी-मोदी का माहौल बनाए रखना है लेकिन हकीकत में देश में जो बुद्धिजीवी, साहित्यकार,लेखक, पत्रकार, साइंटिस्ट हैं वे इनकी हरकतों को समझ चुके हैं।