कृषि दर से लेकर आर्थिक दर तक सब औंधे मुँह गिर रहें है। ऐसे वक़्त में जब हर देशवासी अर्थव्यवस्था के मामले पर प्रधानमंत्री मोदी से उम्मीद लगाए बैठा हो। ठीक उसी वक़्त पीएम मोदी फिट इंडिया मुहीम छेड़ देते है, जिसके तहत सबको अनफिट अर्थव्यवस्था में फिट होने का पीएम मोदी उपदेश देते है।
वहीं दूसरी तरफ छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सुस्त पड़ी अर्थव्यवस्था के मामले पर प्रधानमंत्री मोदी को नसीहत देते हुए नज़र आ रहें है।
उन्होंने लिखा- मेरा केंद्र सरकार से आग्रह है कि संकट के इस समय में आत्ममुग्धता को छोड़कर विपक्ष के नेताओं के साथ बैठकर चर्चा करें। सभी के अनुभव से अर्थव्यवस्था को फिर से खड़ा करने की दिशा में काम करें। देश हम सबसे बनता है और देश के लिए हम सबको एक सूत्र में आना होगा।
मेरा केंद्र सरकार से आग्रह है कि संकट के इस समय में आत्ममुग्धता को छोड़कर विपक्ष के नेताओं के साथ बैठकर चर्चा करें। सभी के अनुभव से अर्थव्यवस्था को फिर से खड़ा करने की दिशा में काम करें।
देश हम सबसे बनता है और देश के लिए हम सबको एक सूत्र में आना होगा। https://t.co/2mQWKmLOGW
— Bhupesh Baghel (@bhupeshbaghel) August 31, 2019
पीएम मोदी ने फिट इंडिया मुहीम छेड़ते हुए कहा था कि घर-परिवार में सहज रूप से शारीरिक श्रम, फिटनेस, व्यायाम, रोजमर्रा के जीवन में चर्चा के विषय होने चाहिए। भारत में ही अचानक ऐसी जरूरत महसूस हो रही हो, ऐसा नहीं है। बल्कि पूरे विश्व में आज ऐसे अभियानों को जरूरत महसूस हो रही है। मगर पीएम मोदी इस दौरान सुस्त हो रही अर्थव्यवस्था पर एक शब्द नहीं बोले।
गौरतलब हो कि चालू वित्त वर्ष 2019-20 की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में देश की जीडीपी ग्रोथ रेट गिरकर महज 5 फीसदी रह गई है।
इससे पहले मार्च तिमाही में जीडीपी 5.80 फीसदी रही थी। जबकि पिछले वित्त वर्ष की पहली तिमाही विकास दर 8 फीसदी दर्ज की गई थी। मौजूदा जीडीपी बीते 25 तिमाहियों मतलब कि पिछले 6 साल से अधिक वक़्त में ये सबसे कम जीडीपी ग्राथ रेट है।
वहीं अगर मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में गिरावट और एग्रीकल्चर सेक्टर में सुस्ती ने देश की जीडीपी ग्रोथ को जोरदार झटका दिया है। इससे पहले, 2012-13 की अप्रैल-जून तिमाही में देश की जीडीपी ग्रोथ रेट 4.9 फीसदी के निचले स्तर दर्ज की गई थी।