त्रिपुरा में जब चुनाव हुए तब जीत का श्रेय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को दिया गया। मीडिया में खबरे लिखी जाने लगी सीएम योगी जनता की पसंद है। मगर जब प्रदेश में हुए उपचुनाव के नतीजे आये तो सच सामने आया की सीएम योगी अपना घर गोरखपुर में बुरी तरह से हार का सामना करना पड़ा है।

वही सवाल अब ये उठने लगा है कि क्या योगी का जादू गोरखपुर उपचुनाव में हार के बाद कम हो जाएगा।

दरअसल डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य की सीट रही फूलपुर में जहां समाजवादी पार्टी प्रत्याशी नागेंद्र पटेल 59,2013 वोटों से जीते हैं। वहीं यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के गढ़ में भी सपा प्रत्याशी बड़ी जीत की तरफ अग्रसर है।

त्रिपुरा में जीत हासिल करने वाली बीजेपी के लिए गोरखपुर की सीट इसलिए भी सवाल उठता है की पिछले 30 सालों के दौरान देश में या राज्य में लहर चाहें किसी भी दल की हो, गोरखपुर में जीत भाजपा की ही होती थी।

पहले 1989 से 1996 तक महंत अवैद्यनाथ सांसद रहे और उसके बाद से 2017 तक उनके शिष्य रहे योगी आदित्यनाथ और उन्ही के समर्थकों ने गोरखपुर नारा लगाया करते थे कि यूपी में रहना है, तो योगी-योगी कहना है।

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