केन्द्रीय रेल मंत्री पीयूष गोयल से जुड़ी कंपनियों का विकास देश से भी ज़्यादा तेज़ी से हो रहा है। ये कहना है मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस का। कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि पियूष गोयल से जुड़ी कंपनियों को 1200 करोड़ के लोन मिले हैं।

कांग्रेस का कहना है कि कही इन लोन का भी वही हाल तो नहीं होगा जो पीयूष गोयल से जुड़ी कंपनी शिरडी इंडस्ट्रीज के लोन का हुआ था।

क्या है मामला

बता दें, कि 2010 तक पीयूष गोयल शिरडी इंडस्ट्रीज़ नाम की कंपनी के चेयरमैन और निदेशक रहे थे। इस दौरान कंपनी ने यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, भारतीय स्टेट बैंक और बैंक ऑफ इंडिया सहित कई बैंकों से 258.62 करोड़ रुपये का कर्ज़ लिया था। यह रकम बाद में 650 करोड़ रुपये से भी ज्यादा हो गई।

रिपोर्टों के मुताबिक, एक तरफ कंपनी ने बैंकों कर्ज तो चुकाया नहीं और दूसरी तरफ उसकी एक सहायक कंपनी असिस इंडस्ट्रीज के जरिए पीयूष गोयल की पत्नी सीमा गोयल की कंपनी इंटरकॉन एडवाइजर्स प्राइवेट लिमिटेड को 1.59 करोड़ रुपये का असुरक्षित कर्ज़ (अनसिक्योर्ड लोन) और दे दिया गया।

मई 2014 में पीयूष गोयल को केंद्रीय मंत्री बनाया गया था। इसके एक साल बाद 8 जून, 2015 को शिरडी इंडस्ट्रीज को ‘बीमार’ (बैंक का पैसा नहीं लौटाने की स्थिति) कंपनी घोषित कर दिया गया। इसके बाद भी असिस इंडस्ट्रीज ने इंटरकॉन प्राइवेट लिमिटेड को 1.59 करोड़ रुपये का असुरक्षित कर्ज दे दिया। पीयूष गोयल सितंबर 2005 से लेकर जुलाई 2013 तक इंटरकॉन प्राइवेट लिमिटेड के भी निदेशक रहे थे।

बताया जा रहा है कि शिरडी इंडस्ट्रीज न सिर्फ बैंकों का कर्ज़ वापस करने में नाकाम रही, बल्कि इसके प्रमोटरों ने बैंकों से कंपनी पर चढ़े कर्ज को भी 65% कम करवा लिया। हालांकि कानूनन ऐसा वैध है, लेकिन सवाल किया जा रहा है कि क्या ऐसा ‘सरकारी दबाव’ में किया गया? इस तरह बैंकों का 422.5 करोड़ रुपये का नुकसान हो गया।

फिर से मिला कर्ज़

अब कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि पीयूष गोयल से जुड़ी कई अन्य कंपनियों को फिर से 1200 करोड़ का कर्ज़ मिला है। आसिस (ASIS) प्लाईवुड लिमिटेड को मिला 458 करोड़ रुपये का कर्ज़, आसिस इंडिया इन्फ्रास्ट्रक्चर को मिला 457 करोड़ रुपये का कर्ज़, आसिस इंडस्ट्रीज़ लिमिटेड को मिला 285 करोड़ रुपये का कर्ज़।

चौंकाने वाली बात ये है कि ये कम्पनियाँ राकेश अगरवाल और मुकेश बंसल से जुड़ी हैं। राकेश और मुकेश वही लोग हैं जिन्होंने पियूष गोयल के केंद्र सरकार में मंत्री बनने के बाद उनसे जुड़ी लगभग 11 कंपनियों में उनका कार्यभार संभाला था।

कांग्रेस का कहना है कहीं  इन कंपनियों के कर्ज़ को भी उसी तरह से माफ़ न कर दिया जाए जैसे शिरडी इंडस्ट्रीज़ के कर्ज़ को कर दिया गया। ये भी बताते चलें कि शिरडी इंडस्ट्रीज़ और इन कंपनियों का का ईमेल आईडी भी कॉमन यानि एक ही है।

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