पिछले दिनों बिहार और यूपी में हुए उपचुनाव के परिणाम आए। बीजेपी को दोनों ही राज्यों में करारी हार मिली। बीजेपी की हार का गोदी मीडिया पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ा। भारतीय जनता पार्टी की हार को ढकने के लिए गोदी मीडिया ने एक कथित देश-विरोधी नारे वाले वीडियो पर शो चर्चा शुरू कर दिया।
16 मार्च को ज़ी समूह के समाचार चैनल ज़ी हिंदुस्तान ने ‘जीता मुसलमान… अब अररिया आतंकिस्तान’ नाम से एक चर्चा का प्रसारण किया। इस पूरे कार्यक्रम के दौरान न्यूज़ एंकर ने कई बार कहा कि चैनल इस वीडियो की प्रमाणिकता की पुष्टि नहीं करता। लेकिन कितने आश्चर्य की बात है कि बिना विश्वसनीयता के चैनल ने अररिया के ‘आतंकिस्तान’ बनने का निष्कर्ष निकाल लिया।
क्या मुस्लिम प्रत्याशी के जीतने से वो जगह आतंकिस्तान बन जाती है? क्या जी न्यूज सत्ता से वाफादारी निभाने के लिए अपने ही देश को ‘आतंकिस्तान’ बताने लगा है?
‘ज़ी हिंदुस्तान’ को अपना विवादित टैग लाइन महंगा पड़ा है। दरअसर सच्चर कमेटी के पूर्व नोडल ऑफिसर और अल्पसंख्यकों के कल्याण के लिए प्रधानमंत्री के 15 बिंदु कार्यक्रम के हिस्सा रहे आशीष जोशी ने न्यूज़ ब्रॉडकास्टिंग स्टैंडर्ड अथॉरिटी (एनबीएसए) में चैनल के ख़िलाफ़ शिकायत दर्ज करवाई है।
द वायर में प्रकाशित एक रिपोर्ट के मुताबिक, आशीष ने कहा है कि ‘मैं इस कार्यक्रम के कट्टर सांप्रदायिक कैप्शन को देखकर हैरान था. ये भारतीय संविधान के खिलाफ भी है। यह आईपीसी की कई धाराओं का स्पष्ट उल्लंघन है। यह एक बेहद खतरनाक ट्रेंड है क्योंकि मीडिया खबरों और जानकारियों को लोगों तक पहुंचाने में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह लोगों को भ्रमित कर रहा है, साथ ही इससे समाज पर गलत असर हो रहा है। अल्पसंख्यकों पर हमलों के कितने ही मामले सामने आ चुके हैं।’
हालांकि बिहार वाले इस वीडियो की जांच altnews ने की है। इस वीडियो की कई तरह से जाँच करने के बाद ये बात सामने आई है कि वीडियो के साथ छेड़छाड़ किया गया है।
मसलन, पूरे ऑडियो के दौरान टुकटुक और ट्रैफिक की आवाज़ आ रही है लेकिन जब नारे लगने वाला हिस्सा आता है तो ये आवाज़ अचानक गायब हो जाती है। मतलब असली आवाज़ को बंद कर नारों को ऑडियो एडिटिंग के द्वारा विडियो में डाला गया है।
इसी तरह विडियो की जांच ffmpeg सॉफ्टवेर पर की गई। जिस समय नारों की आवाज़ आती है उस हिस्से को 30 फ्रेमों में बाटा गया। वीडियो फ्रेम में जैसे देखा जा सकता है कि दाया तरफ खड़ा युवा लगातार अपना मुह खोले हुए है और उसके होठ आपस में मिले नहीं हैं। वहीं बाया तरफ खड़ा युवा अपना मुह लगातार बंद करे हुए हैं। जबकि नारे लगाने के लिए लगातार मुह चलते रहना चाहिए था।