कश्मीर में सुख और शांति का माहौल बना रहे इसके लिए साल 2010 से हुर्रियत (जी) के चेयरमैन सैयद अली शाह गिलानी की नजरबंद किया गया था। अब मौजूदा सरकार ने उनपर से नज़रबंदी हटा ली है। इसके बाद सैयद अली शाह गिलानी 8 साल बाद अपने घर से निकलकर जुमे की नमाज़ भी पढ़ने भी गए।

इस मौके पर मस्जिद के बाहर और अन्दर दोनों ही जगह लोग गिलानी को सुनना चाह रहे थे। गिलानी ज्यादा अपनी नज़रबंदी हटने पर कहा कि जम्मू-कश्मीर सरकार ने नजरबंदी हटाने का जो फैसला लिया है, वह उस पर एकदम से कोई प्रतिक्रिया नहीं देंगे।

इस मामले पर देश का मीडिया पर शांत है। मगर सोशल मीडिया पर लोग मीडिया की नज़रअंदाजी पर सवाल खड़े कर रहे है। सामाजिक कार्यकर्ता आचार्य प्रमोद ने सवाल उठाते हुए कहा कि अर्नब,आमिश,अंजना और सुमित “गैंग” क्या आज संबित पात्रा से पूछने की “हिम्मत” करेगा, के “हुर्रियत” से “डील” हो गयी क्या???


बता दे कि सभी को अलगाववादी नेताओं पर जम्मू कश्मीर के डीजीपी ने कहा है कि गिलानी के साथ साथ मीरवाइज और यासीन कहीं भी आने-जाने के लिए आजाद हैं।

साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि यह आजादी तब तक है, जब तक तीनों नेता यह सुनिश्चित करते हैं कि वह किसी प्रकार की राष्ट्रविरोधी भाषण और ऐसी कोई गतिविधि को अंजाम नहीं देंगे, जिससे कानून व्यवस्था खराब होने की स्थिति पैदा हो।

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