नीरव मोदी पर 11,400 करोड़ के कर्ज के बाद अब उद्द्योगपति गौतम अडानी के कर्ज़ को लेकर भी खुलासा हुआ है। बताया जा रहा है कि गौतम अडानी ने बैंकों से 72,000 करोड़ रुपय उधार लिए हैं।

उद्योगपति गौतम अडानी पर ये आरोप लगाया है जेडीयू सांसद पवन वर्मा ने। उन्होंने राज्यसभा में बोलते हुए कहा कि अडाणी समूह पर बैंकों का 72,000 करोड़ रुपये बकाया है।

उन्होंने आगे कहा, “मुझे नहीं पता इस बिजनस घराने से सरकार का क्‍या संबंध हैं? मुझे यह भी नहीं पता कि वे इन्‍हें जानते हैं या नहीं। लेकिन इस ग्रुप के मालिक (गौतम) अडानी भी प्रधानमंत्री गए, वहां नज़र आए। चाहे वह चीन, ब्रिटेन, अमेरिका, यूरोप हो या जापान।”

पवन वर्मा ने कहा कि, “गौतम अडानी की कंपनी को जो फायदा पहुंचाया गया, उसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती है। गुजरात में इनके सेज को हाईकोर्ट की बाध्‍यता के बावजूद मान्‍यता दी गई।”

पवन वर्मा के इस आरोप पर उपसभापति ने उन्हें चेताया कि वो आरोप न लगाये। इसपर पवन वर्मा ने हाईकोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए बताया कि, यूपीए सरकार ने अडानी की कंपनी को मंजूरी नहीं दी मगर जब भाजपा सरकार सत्‍ता में आई तो इसे मंजूरी मिल गई।

पवन वर्मा ने आगे खुलासा करते हुए ये भी बताया कि भारत में सरकारी बैंकों ने बड़ी बड़ी कंपनियों को लगभग 5 लाख करोड़ रुपयों का कर्ज दिया है। जिसमे से 1.4 लाख करोड़ का कर्ज सिर्फ 5 बड़ी कंपनियों पर है और वो कंपनियां हैं- लैंको, जीवीके, सुजलोन एनर्जी, हिंदुस्‍तान कंस्‍ट्रक्‍शन कंपनी और अडाणी ग्रुप व अडाणी पावर। पवन वर्मा ने दावा करते हुए ये भी बताया कि सरकारी बैंकों पर ऐसे लोगों को लोन देने के लिए दबाव डाला जाता है।

पवन वर्मा के इस खुलासे पर ट्वीट करते हुए मध्यप्रदेश से कांग्रेस नेता जीतू पटवारी ने सरकार पर हमला किया। जीतू पटवारी ने लिखा, “गौतम अडानी के ऊपर है बैंकों का 72,000 करोड का कर्ज…विजय माल्या के कुल कर्ज से 8 गुना ज्यादा। सरकार सख़्ती और सावधानी बरतेगी या माल्या, ललित, मोदी, चौकसी के आगे एक नाम और जोड़ेगी?

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