देश में कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर ने हर तरफ तबाही का मंजर बना दिया है। इस वक़्त देश के आम लोगों के साथ-साथ नेता, अभिनेता और भारतीय सेना के जवानों के परिवार भी सुरक्षित नहीं हैं।
इसी बीच खबर सामने आई है कि साल 1965 में हुए भारत पाकिस्तान युद्ध में पाकिस्तान के खतरनाक टैंकों को तबाह करने वाले परमवीर चक्र विजेता वीर अब्दुल हमीद के बेटे अली हसन की यूपी के कानपुर में इलाज के दौरान मौत हो गई है।
दरअसल भाजपा शासित उत्तर प्रदेश में बीते महीने से ही कोरोना से स्थिति काफी खराब है। लेकिन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कुप्रबंधन की वजह से हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं।
इस मामले में कांग्रेस नेता और धर्मगुरु आचार्य प्रमोद कृष्णन ने ट्वीट कर भाजपा पर निशाना साधा है।
उन्होंने लिखा है कि “पाकिस्तान के टैंकों को ध्वस्त करने वाले परमवीर चक्र विजेता भारत माता के अमर सपूत, वीर अब्दुल हमीद के पुत्र हसन अली का निधन आक्सीजन ना मिलने की वजह से होना पूरे देश के लिये शर्म की बात है”
बताया जाता है कि जब परमवीर चक्र विजेता वीर अब्दुल हमीद के बेटे अली हसन को लाला लाजपत राय अस्पताल में लाया गया। तो अस्पताल प्रशासन द्वारा उनकी कोविड-19 जांच नहीं की गई।
दरअसल जब उन्हें अस्पताल में लाया गया था तो उनको सांस लेने में दिक्कत हो रही थी।
जिसके चलते उन्हें कुछ वक्त के लिए ऑक्सीजन पर रखा गया। लेकिन कुछ ही घंटों के बाद उनके स्वास्थ्य में सुधार आने का हवाला देकर ऑक्सीजन के सुविधा हटा दी गई।
जब अचानक दोबारा उनका स्वास्थ्य बिगड़ने लगा। तो अस्पताल के कर्मचारियों को ऑक्सीजन की सुविधा देने के लिए बुलाया गया। लेकिन उनकी सुनवाई नहीं की गई।
इस दौरान परिवार वालों ने डॉक्टर को यह भी बताया कि अली हसन परमवीर चक्र विजेता वीर अब्दुल हमीद के बेटे हैं। लेकिन उनकी बात को नजरअंदाज किया गया।