प्रधानमंत्री के सरकारी आवास पर 1 मार्च की शाम लोकपाल को लेकर हुई महत्वपूर्ण बैठक में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खडगे शामिल नहीं हुए। मल्लिकार्जुन खडगे को विशेष निमंत्रण देकर बुलाया गया था इसके बावजूद खडगे बैठक में शामिल नहीं हुए।

खडगे ने कहा कि वो लोकपाल अधिनियम की ‘पवित्रता’ बनाए रखने के लिए इस निमंत्रण को नामंजूर कर रहे हैं क्योंकि ‘पवित्र प्रक्रिया’ को राजनीतिक दिखावे मात्र तक सीमित कर दिया गया है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे पत्र में खड़गे ने कहा कि यह आमंत्रण चयन समिति से विपक्ष की स्वतंत्र आवाज को बाहर करने का प्रयास है।

खड़गे ने अपने पत्र में ये भी लिखा, “मतदान के अधिकार और अपना नज़रिया दर्ज कराने के अधिकार के बिना लोकपाल चयन समिति की बैठक में विशेष आमंत्रित सदस्य के तौर पर मेरी उपस्थिति एक ढकोसला होगी, जिसका लक्ष्य यह दिखाना है कि चयन प्रक्रिया में विपक्ष ने हिस्सा लिया था।”

इस मामले पर कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता शक्ति सिंह गोहिल ने ट्विटर पर ट्वीट कर प्रधानमंत्री पर हमला किया है। शक्ति सिंह गोहिल ने प्रधानमंत्री को निशाना बनते हुए लिखा, “गुजरात मे जबतक CM रहे, लोकायुक्त रहने नहीं दिया।

PM बने चार साल तक लोकपाल नहीं! अब बिना विरोधीदल के नेता को अपना लोकपाल चाहिये? मैं ही चोर, मैं ही पोलिस, मैं ही न्यायाधीश। वाहरे चौकीदार।”

उन्होंने अपने दुसरे ट्वीट में लिखा, “जो करोड़ों से कम खाता नहीं वही स्वतंत्र लोकपाल से डरता है।”

बता दें कि लोकपाल और लोकायुक्त कानून साल 2013 में लोकसभा व राज्यसभा की सहमति से पास हुआ था। लेकिन पिछले चार सालों में लोकपाल का चयन नहीं हो पाया है।

ऐसा इसलिए क्योंकि इससे देश के शीर्ष अधिकारियों समेत प्रधानमंत्री और केंद्रीय मंत्रिमंडल के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच करने का अधिकार होगा।

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