कांग्रेस मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा के खिलाफ महाभियोग की कार्रवाई शुरू करने वाली है। हालांकि कांग्रेस की तरफ से इसकी पुष्टि नहीं हुई है लेकिन एनसीपी नेता डीपी त्रिपाठी ने कहा है कि कांग्रेस ने इसकी प्रक्रिया शुरू कर दी है। उधर, समाजवादी पार्टी ने भी न्यायपालिका की स्वतंत्रता और अखंडता को बचाए रखने के नाम पर कांग्रेस के इस कदम के समर्थन का ऐलान किया है।

समाजवादी पार्टी के नेता घनश्याम तिवारी ने कहा है कि उनकी पार्टी महाभियोग प्रस्ताव के पक्ष में है। इससे पहले मंगलवार को एनसीपी नेता डीपी त्रिपाठी ने कहा था कि कांग्रेस समेत विपक्षी दलों ने चीफ जस्टिस के खिलाफ महाभियोग की प्रक्रिया शुरू कर दी है। डीपी त्रिपाठी ने बताया कि चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा के खिलाफ महाभियोग की प्रक्रिया के ड्राफ्ट प्रपोजल पर कई विपक्षी पार्टियों ने हस्ताक्षर किए हैं।

एनसीपी महासचिव ने कहा कि, ‘एनसीपी, लेफ्ट पार्टी और मुझे लगता है कि टीएमसी व कांग्रेस ने भी इसपर साइन किया है।’

मुख्य न्यायाधीश के खिलाफ महाभियोग को लेकर विरोधी दलों में पिछले कई दिनों से चर्चा चल रही थी। इस प्रस्ताव को संसद में लाने के लिए कांग्रेस ने कई दलों से बातचीत भी की थी। कहा जा रहा है कि इस प्रस्ताव को राज्यसभा में पेश किया जाएगा।

आपको बता दें कि 11 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट के 4 वरिष्ठ जजों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मुख्य न्यायाधीश की कार्यप्रणाली और बेंचों को केस अलॉट करते समय कथित तौर पर हो रहे भेदभाव पर सवाल उठाए थे। जस्टिस चेलमेश्वर, रंजन गोगोई, एमबी लोकुल और जस्टिस कुरियन जोसफ ने आरोप लगाया था कि मुख्य न्यायाधीश वरिष्ठता को दरकिनार कर जूनियरों जजों को अहम केस सौंप रहे हैं।

नियम के मुताबिक सीजेआई के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव पेश करने के लिए लोकसभा में 100 सांसदों और राज्यसभा में 50 सदस्यों के हस्ताक्षर की आवश्यकता होती है।

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