जुलाई में वाहन बिक्री में 19 साल की 18.71 प्रतिशत की सबसे बड़ी गिरावट दर्ज की गयी है। वाहन उद्योग पिछले दो-तीन महीने से भारी दबाव झेल रहा है। इसके चलते इस क्षेत्र में बड़ी तादाद में कर्मचारी अपनी नौकरी गंवा चुके हैं और अब भी 10 लाख से अधिक नौकरियों पर खतरा मंडरा रहा है। इस नुकसान की भरपाई मोदी सरकार ने कॉरपोरेट टेक्स कम करके पूरी करने की योजना बनाई है।
अब इस मामले पर कांग्रेस मुखर नज़र आ रही है। कांग्रेस पार्टी की तरफ से प्रेस कांफ्रेंस करते हुए पवन खेड़ा ने कई सवाल खड़े किये है। उन्होंने कहा कि पिछले तीन महीने में लोगों ने सरकार की नीतियों के चलते लगभग 15 लाख नौकरियां गंवाई है, हम उनका भी हिसाब मांगेंगे। पिछले कुछ महीनों में स्टॉक मार्केट में 20 लाख करोड़ डूबे हैं, उसको भी हम उठाएंगे।
पिछले तीन महीने में लोगों ने सरकार की नीतियों के चलते लगभग 15 लाख नौकरियां गंवाई है, हम उनका भी हिसाब मांगेंगे। पिछले कुछ महीनों में स्टॉक मार्केट में ₹20 लाख करोड़ डूबे हैं, उसको भी हम उठाएंगे : @Pawankhera
— Congress Live (@INCIndiaLive) September 21, 2019
इससे पहले पिछले साल आई सेंटर फॉर मोनिटरिंग इंडियन इकॉनमी (सीएमआईई) की रिपोर्ट के मुताबिक, अगस्त में 8.4 प्रतिशत बेरोजगारी दर पिछले तीन सालों में सर्वाधिक रही। सीएमआईई ने अपनी रिपोर्ट में बताया था कि जुलाई में 7 से 8 प्रतिशत के मुकाबले अगस्त में साप्ताहिक बेरोजगारी दर 8 से 9 प्रतिशत के बीच रही। एजेंसी ने बताया कि सितंबर 2016 के बाद से बेरोजगारी की यह दर सर्वाधिक है।
सीएमआईई के अनुसार अगस्त 2019 में शहरी क्षेत्र में बेरोजगारी दर 9.6 प्रतिशत और ग्रामीण क्षेत्र में 7.8 प्रतिशत रही। एजेंसी ने बताया कि पिछले साल अगस्त के मुकाबले इस बार अगस्त में ग्रामीण क्षेत्र में रोजगार में दो प्रतिशत की वृद्धि हुई। अगस्त 2019 तक ग्रामीण क्षेत्र के रोजगार में साल दर साल 2.9 प्रतिशत की वृद्धि हुई, वहीं शहरी क्षेत्र में इसमें 0.2 प्रतिशत की दर से कमी हुई।
बेरोजगारी दर के एक मुख्य घटक के रूप में जानी जाने वाली श्रम भागीदारी दर बहुत धीमी गति से आगे बढ़ी है। अक्टबूर 2018 के 42.46 प्रतिशत के मुकाबले अगस्त 2019 में यह 43.35 प्रतिशत रही। इसकी वजह रिपोर्ट में कहा गया है कि दोनों के बीच अंतर बढ़ रहा है। ज्यादातर लोग नौकरी खोज रहे हैं, लेकिन उनमें से बहुत कम को ही रोजगार मिल रहा है।