हाल ही में पूर्वोत्तर भारत के तीन राज्यों में विधानसभा चुनाव हुए हैं। त्रिपुरा, मेघालय और नागालैंड। त्रिपुरा में बीजेपी को पूर्ण बहुमतल मिला बाकी दो राज्यों में बहुमत न मिलने के बाद बीजेबी सत्ता में है। ऐसा जोड़-तोड़ और खरीद फरोख्त की वजह से संभव हुआ।

उत्तर भारत के लगभग सभी राज्यों में बीजेपी की सरकार है। चाहे वो हरियाणा हो, बिहार हो, उत्तर प्रदेश हो, हिमाचल हो, उत्तराखंड हो। इन सभी राज्यों में बीजेपी बीफ खाने और बेचने को लेकर कड़ रूख अख्तियार किए हुए है। वही बीजेपी शासित महाराष्ट्र और गुजरात जैसे राज्यों में भी बीफ खाने और बेचने पर पाबंदी है।

स्वयंसेवक से महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बने देवेंद्र फडणवीस ने सत्ता संभालते हुए बीफ को लेकर विधानसभा में नया बील पास किया। जबकी महाराष्ट्र में, 1976 से महाराष्ट्र में गौ मांस नहीं बिक रहा है। लेकिन अगर ऐसा था तो महाराष्ट्र सरकार नया कानून लेकर क्यों आई?

या फिर इसमें गौ-वंश क्यों जोड़ा गया? दरअसल, महाराष्ट्र में बीजेपी सरकार की दलील हैं कि उसका मकसद बैल और बछड़े के मांस पर पाबंदी लाना भी था, जिससे कृषि प्रधान गांवों में बैल-बछड़ों की संख्या बढ़े। ये दोनों मांसाहार ‘बीफ’ की श्रेणी में आते हैं। बीफ में भैंस का मांस भी शामिल होता है। हालांकि अभी इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में केस चल रहा है।

ये हो गई महाराष्ट्र की बात लेकिन बीजेपी शासित त्रिपुरा में मामला बिल्कुल अलग है। वहां बीजेपी सरकार बीफ बैन तो दूर गौ मांस पर भी पाबंदी लगाने को तैयार नहीं है। बता दें कि त्रिपुरा में गो हत्या पर प्रतिबंध नहीं है। त्रिपुरा के लोगों के प्रमुख भोजन की श्रेणी में बीफ और खासकर गौ मांस शामिल है।

अब सवाल उठता है कि जब बीजेपी गाय को माता मानती है या और दूसरे कारणों से उसकी हत्या पर रोक चाहती है तो त्रिपुरा में छूट क्यों? बीजेपी बीफ को लेकर पूरे देश में एक मत क्यों नहीं रखती।

संघ से छात्र देवेंद्र फडणवीस महाराष्ट्र में बीफ पर बैन चाहते हैं, वही संघ के दूसरे छात्र सुनिल देवधर त्रिपुरा में बीफ की बिक्री जारी रखना चाहते हैं… ऐसा क्यों? बीजेपी और संघ दोनों का बीफ के मामले में दोहरा रवैया क्यो है? क्या बीजेपी और संघ वोटरों को मूर्ख बनाने के लिए बीफ जैसे मुद्दों को उठाती है?

देवेंद्र फडणवीस और सुनिल देवधर की एक फोटो शेयर करते हुए कांग्रेस नेता संजय निरुपम ने लिखा है कि ‘ये हैं संघ के दो स्वयंसेवक। एक फडनविस जी,दूसरे देवधर जी। फडनविस जी ने महाराष्ट्र में बीफ की बिक्री बंद की। देवधर जी चाहते हैं त्रिपुरा में बीफ की बिक्री जारी रहे। एक ही स्कूल से दो विपरीत शिक्षा। संघ का स्कूल भी कमाल का है।’

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here