तीन मार्च को पूर्वोत्तर भारत के तीन राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव के परिणाम आए। पहली बार बीजेपी ने त्रिपुरा में बहुमत हासिल किया, बाकी दो राज्यों में बहुमत नहीं मिला लेकिन बीजेपी वहां भी सरकार बना रही है।
पूर्वोत्तर भारत में सत्ता हासिल किए 48 घंटे भी नहीं हुए थे कि वहां हिंसा शुरू हो गयी। वामपंथी कार्यकर्ताओं का आरोप है कि चुनाव जीतने के बाद बीजेपी के समर्थक उनके कार्यालयों को ही नहीं, बल्कि उनके नेताओं और कार्यकर्ताओं को भी निशाना बना रही है।
सात मार्च की रात CPIM के कार्यकर्ता कॉमरेड नेपाल मजूमदार की हत्या कर दी गई। पार्टी का आरोप है कि बीजेपी के गुण्डों ने नेपाल मजूमदार के घर पर हमला किया जिसके बाद उनकी मौत हो गई।
CPIM के ट्वीटर हैंडल से पीएम मोदी को टैग करके कहा गया है कि ‘नरेंद्र मोदी जुमला बंद कीजिए और अपने गुंडों हिंसा करने से रोकिए।’
दिल्ली में CPIM नेता प्रकाश करात त्रिपुरा में हो रही हिंसा के विरोध में प्रदर्शन कर रहे हैं। वामपंथी नेता प्रकाश करात का कहना है कि बीजेपी और IPFT के गुंडें हमारे दफ्तर, घर और नेताओं पर हमले कर रहे हैं।
गौरतलब है कि बीजेपी को त्रिपुरा में सत्ता हासिल किए हुए 48 घंटे भी नहीं हुए थें कि वहां धारा 144 लगानी पड़ गई थी। अभी भी हिंसा जारी है। लगातार हो रही हिंसा के डर से सीपीएम के नेता और कार्यकर्ता भी डरे सहमे हुए हैं।
न्यज चैनल आज-तक में प्रकाशित एक खबर के मुताबिक, अगरतला से सीपीएम के पूर्व विधायक झुमु सरकार जो इस बार चुनाव हार गए ने एक न्यूज़ चैनल को बताया कि उन्हें हर रोज़ हमले की धमकियां मिल रही हैं।