भारत जैसे लोकतांत्रिक देश में भी अब सरकार के फैसले की आलोचना करना अपराध हो गया है। सरकार के फैसले के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाने वालों को सरकारी नोटिस भेजा जा रहा है।

मशहूर हृदय रोग विशेषज्ञ और दिल्ली के बत्रा अस्पताल के अध्यक्ष डॉक्टर उपेंद्र कौल को केंद्र सरकार द्वारा अनुच्छेद 370 हटाए जाने के फैसले की आलोचना करने के मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने समन भेजा है। डॉक्टर कौल को तलब किए जाने की ख़बर के बाद, एनआईए के नोटिस की एक असत्यापित तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है।

नोटिस में डॉ. कौल को संबोधित करते हुए लिखा है, “जबकि ऐसा लगता है कि आप नीचे उल्लिखित मामले की परिस्थितियों से परिचित हैं, जो अब NIA, दिल्ली द्वारा जांच के अधीन है।” NIA के नोटिस पर प्रतिक्रिया देते हुए डॉक्टर कौल ने कथित तौर पर टीएनआईई को बताया कि “NIA के पास किसी को भी बुलाने का अधिकार है”।

वाम संगठन आल इंडिया प्रोग्रेसिव वुमन एसोसिएशन (एपवा) की कविता कृष्णन ने डॉक्टर कौल के खिलाफ NIA के इस कार्रवाई को लेकर केंद्र की मोदी सरकार को आड़े हाथों लिया है। उन्होंने ट्वीट कर लिखा, “एक वरिष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञ, डॉ. उपेंद्र कौल को NIA ने अनुच्छेद 370 को निरस्त करने की आलोचना के मामले में समन भेजा है। NIA के पास सरकार के आलोचकों को समन भेजने के अलावा और कोई काम नहीं है?”

उन्होंने लिखा, “यह ग़ैर-अमेरिकी गतिविधियों के घर मैककार्थी युग का भारतीय संस्करण है? IMA ख़ामोश है?”

बता दें कि इससे पहले जम्मू-कश्मीर के मशहूर यूरोल़जिस्ट डॉक्टर उमर सलीम अख़्तर को सरकार के फैसले के खिलाफ़ आवाज़ उठाने के मामले में हिरासत में ले लिया गया था। उन्होंने मीडिया के सामने आकर दावा किया था कि राज्य में कर्फ्यू की वजह से मरीज़ों को गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने दावा किया था कि अगर हालात इसी तरह रहे तो कई लोग इलाज के अभाव में मर भी सकते हैं। मीडिया से बातचीत के 10 मिनट बाद ही पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया था।

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