सत्तारूढ़ बीजेपी के नेता अपनी रैलियों में किस तरह भीड़ जुटाते हैं, ये केंद्र शासित दादरा नगर हवेली प्रशासन के एक नोटिस से आसानी से समझा जा सकता है। दरअसल, प्रशासन ने सभी सरकारी विभागों को नोटिस जारी कर आदेश दिया है कि पहली सितंबर को होने वाली अमित शाह की रैली में फैक्ट्री कामगारों को लाया जाए, जिससे रैली में बड़ी तादाद में भीड़ जुट सके।

ये नोटिस उद्योग निदेशक करनजीत वडोदारिया की तरफ से उद्योग सचिव कलेक्टर और डिप्टी लेबर कमिश्नर को भेजा गया है। नोटिस में कहा गया है कि रैली में अधिक से अधिक भीड़ जमा हो इसके लिए असिस्टेंट और जूनियर इंजीनियरों को नोडल अफसर बनाया जाए। ये नोडल अफ़सर फैक्ट्रियों और छोटी इकाइयों में काम करने वाले कामगारों को अमित शाह की रैली में पहुंचाए जाने की व्यवस्था पर नज़र रखेंगे।

नोटिस में करनजीत वडोदारिया ने कई अफसरों के नाम लिखे हैं जो विभिन्न औद्योगिक इकाइयों के प्रतिनिधियों के साथ कोआर्डिनेट करेंगे और उनके द्वारा भेजे गए कामगारों और गाड़ियों आदि को वेरिफाई करेंगे। इन अधिकारियों को अमित शाह की रैली में कामगारों के पहुंचने की समुचित व्यवस्था करने के निर्देश दिए गए हैं।

अमित शाह की रैली में भीड़ जुटाने की हड़बड़ाहत में नोटिस में कथित तौर पर एक गलती भी हो गई है। सूत्रों के मुताबिक, नोटिस में कहा गया है कि कामगारों को रैली स्थल तक पहुंचाने की लिखित जानकारी 16, जनवरी, 2019 तक जमा की जाए।

बता दें कि इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 19 जनवरी, 2019 को दादरा और नगर हवेली में रैली की थी। ऐसे में माना जा रहा है कि ये नोटिस उसी समय का है, जिसे अब अमित शाह की रैली के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है। हालांकि जल्दबाज़ी में कथित तौर पर तारीख़ नहीं बदली गई है। इस नोटिस के सामने आने के बाद ये समझना आसान हो गया है कि बीजेपी अपनी रैलियों में भीड़ किस तरह जुटाती है।

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