पीएम मोदी खुद को दलित हितैषी बताते हैं, अपने भाषणों में बाबा साहेब का जिक्र करते हैं, अंबेडकर की राष्ट्रीय स्मारक बनवाते हैं लेकिन साथ ही SC/ST एक्ट में हुए बदलाव को मौन स्वीकृति भी देते हैं।

दलितों पर हो रहे अत्याचार और आरक्षण के मुद्दे पर बीजेपी का रवैया दोहरा है। ऐसे में बहुजन समाज का नाराज होना लाजमी है। पिछले कुछ महीनों में कुछ ऐसी घटनाएं सामने आयी हैं जिसने बीजेपी और दलित समाज को आमने सामने लाकर खड़ा कर दिया।

चाहे वो भीमा कोरेगांव में हुई हिंसा हो, जिसके मुख्य आरोपी मोदी और बीजेपी के करीबी सांभाजी भिड़े है, या शिक्षण संस्थानों से आरक्षण निष्क्रीय करने वाले नियम, या बीजेपी नेता हेगड़े का ये कहना की वो संविधान में बदलाव कर देंगे। इन सारी घटनाओं और बयानों ने बीजेपी के दलित विरोधी चेहरे को और मजबूत बनाया।

अब आलम ये है कि बड़े बड़े बोर्ड लगाकर दलित समुदाय के लोग अपना गुस्सा जाहिर कर रहे हैं। दलित एक्टिविस्ट देवाशीष ने ट्विटर एक होर्डिंग की फोटो शेयर की है, जिसपर लिखा है ”131 दलित सांसद, 543 दलित विधायक, 1 दलित राष्ट्रपति फिर भी SC/ST एक्ट में बदलाव। समस्त रविदास बस्ती की तरफ से भाजपा का बहिष्कार किया जाता है।”


देवाशीष ने इस फोटो को शेयर करते हुए लिखा है कि ‘भारतीय जनता पार्टी और नरेंद्र मोदी को होश में आने की जरूरत है। जब देश का बहुजन तुम्हारा बहिष्कार कर रहा है तो सोच लो कैसे तुमने देश चलाया होगा। अपने अंत की ओर अग्रसर’

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