उत्तर प्रदेश समेत देशभर में मौसम बदल रहा है, और फिरसे बदल रही है गंगा नदी की तस्वीर। लगातार बारिश के कारण नदी के बढ़ते स्तर ने रेतीले किनारों में दबी लाशों को बहाकर सबके सामने ला दिया है। कोरोना मरीज़ों की लाशों के साथ-साथ बीमारी भी नदी में तैर रही है।
दरअसल, कोरोना की दूसरी लहर के आते ही प्रदेश में हजारों लोगों की इस बीमारी से मौतें होने लगी। अप्रैल-मई महीने में खराब व्यवस्था के चलते कोरोना मरीज़ों ने अपना दम तोड़ दिया।
श्मशानों में लाशों को जलाने के लिए पर्याप्त लकड़ियां नहीं बची थी तो उन्हें गंगा किनारे रेत में दफना दिया गया।
अब जब लगातार बारिश के चलते गंगा नदी का प्रवाह तेज़ हो गया तो इस बहाव में दफन हुई लाशें भी बाहर निकलकर आ गई।
गंगा नदी की तस्वीर बदल गई। मानो कि लचर व्यवस्था और सरकार के गैरज़िम्मेदाराना तरिके की कीमत जिन्होनें अपनी ज़िन्दगी से चुकाई थी, वो एक बार फिर उनसे सवाल पूछ रहे हों।
इसी मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए सीपीआईएम नेता सीताराम येचुरी ने लिखा, “यूपी के मुख्यमंत्री महामारी से सफलतापूर्वक निपटने को लेकर खुदके पीआर पर प्रधानमंत्री से प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं। लोगों के कष्टों की भयावह सच्चाई इस तरह सामने आ रही है।”
UP CM is competing with PM in self promoting PR with an advertisement blitzkrieg claiming successful handling of the pandemic .
The ghastly reality of people's sufferings pours out like this. https://t.co/xlS25j8uLF— Sitaram Yechury (@SitaramYechury) June 25, 2021
हालात अभी भी नहीं सुधरे हैं। प्रयागराज नगर निगम के जोनल अधिकारी नीरज कुमार सिंह ने संवाददाताओं को बताया कि उन्होंने पिछले 24 घंटों में 40 शवों का अंतिम संस्कार किया था।
उन्होंने एक समाचार चैनल से कहा, “हम सभी रीति-रिवाजों का पालन करते हुए अलग-अलग शवों का अंतिम संस्कार कर रहे हैं।”
एक लाश के साथ ऑक्सीजन ट्यूब तो दूसरी के साथ ग्लव्स भी मिले हैं। इसपर अधिकारी नीरज कुमार सिंह ने स्वीकार किया कि ऐसा प्रतीत होता है कि वह व्यक्ति मृत्यु से पहले बीमार था।
“लगता है कि परिवार ने मृतक को यहां फेंक दिया और चले गए। शायद वे डरे हुए थे, मैं और कुछ नहीं कह सकता।”
ठीक इसी तरह एक-दो महीने पूर्व भी गंगा नदी में सैकड़ों लाशें तैर और उतरा रही थी। कोरोना महामारी की दूसर लहर जब अपने चरम पर थी, तब ही राज्य की स्वस्थ्य व्यवस्था चरमरा रही थी।
लोगों को अस्पतालों में बेड नहीं मिल रहे थे, ऑक्सीजन सिलिंडर नहीं मिल रहा थे, दवाइयां नहीं मिल रही थी। फिर भी सरकार अपना पीआर कर कह रही है कि प्रदेश में सब दुरुस्त है।
साथ ही सरकार वो तमाम तैयारियां कर रही है जिससे आगामी चुनाव में वोट बटोरे जा सकें।