दिल्ली में संत रविदास का मंदिर तोड़े जाने के बाद से इसे दोबारा बनाए जाने की मांग को लेकर दलित समुदाय लगातार धरना प्रदर्शन कर रहा है। दलित समुदाय की इन्हीं मांगों के मद्देनज़र दिल्ली वक्फ बोर्ड ने एक बेहतरीन पेशकश की है।

दिल्ली वक्फ बोर्ड की ओर से प्रस्ताव दिया गया है कि संत रविदास का मंदिर फिर से बनाने में आने वाला खर्च वक्फ बोर्ड उठाने को तैयार है। आम आदमी पार्टी (आप) के विधायक सौरभ भारद्वाज के मुताबिक वक्फ बोर्ड के चेयरमैन अमानतुल्ला खान ने प्रस्ताव दिया है कि मंदिर बनाने में आने वाले खर्च को वक्फ बोर्ड उठाने को तैयार है।

इससे पहले संत रविदास के मंदिर को तोड़े जाने का मुद्दा दिल्ली विधानसभा में भी गर्माया रहा। विधानसभा में आप के विधायकों ने  मंदिर को उसी जगह पर बनाने की मांग जोर- शोर से उठाई।

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दिल्ली वक्फ बोर्ड की इस पेशकश की सोशल मीडिया पर जमकर तारीफ़ हो रही है। लोग इसे आपसी भाईचारे की बेहतरीन मिसाल बता रहे हैं। पूर्व नौकरशाह पवन शर्मा ने ट्वीट कर लिखा, “वक्फ बोर्ड मंदिर बनाएगा। यही तो खूबसूरती है हिंदुस्तान की”।  

बता दें कि बीते शनिवार को दिल्ली के तुग़लकाबाद इलाक़े स्थित गुरु रविदास मंदिर को डीडीए द्वारा तोड़ दिया गया था। जिसके विरोध में दलित समुदाय के लोगों ने बुधवार को दिल्ली के रामलीला मैदान में विशाल प्रदर्शन किया था।

कौन थे संत रविदास?

उत्तर प्रदेश के वाराणसी में जन्में संत गुरु रविदास 15वीं सदी के एक महान समाज सुधारक थे। उन्होंने भेदभाव से ऊपर उठकर समाज कल्याण की सीख दी। वह जातिवाद को समाज में अभिषाप के तौर पर देखते थे। उनका मानना था कि कोई भी व्यक्ति जन्म से नहीं बल्कि ग़लत कामों से नीच होता है। हिन्दू धर्म महीने के अनुसार संत गुरु रविदास का जन्म माघ महीने के पूर्णिमा के दिन हुआ था। उन्हें संत रैदास के नाम से भी जाना जाता है।

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