उत्तर प्रदेश की जनता कोरोना महामारी की दूसरी लहर से त्रस्त है। बीमारी से कम और सरकारी कुव्यवस्थाओं से ज्यादा लोगों की जान जा रही है। जिनके सिर पर इस महामारी से लड़ने की जिम्मेवारी है, वो मोदी भक्ति में लीन हैं।
ऐसा ही हाल है यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या की है। अपने प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्थाओं के सुधार से संबंधित बातें करने की बजाय डिप्टी सीएम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गुणगान में लगे हुए हैं।
मौर्या ने ट्वीट किया है कि मोदी नाम नहीं भरोसा है। मोदी नाम नहीं कुछ नया करने का साहस है।
केशव प्रसाद मौर्या की बेवजह की चाटुकारिता पर लोगों ने उनकी जमकर खबर ले ली।
युवा पत्रकार कंचन श्रीवास्तव ने मौर्या के इस ट्वीट पर रिप्लाई करते हुए लिखा है कि यूपी के लोग ऑक्सीजन, बेड और दवाईयों की कमी से मर रहे हैं और आदरणीय उपमुख्यमंत्री भक्ति में लीन हैं और इन्हें सैकड़ों जानों से ज्यादा परवाह कुर्सी की है.
यूपी में लोग ऑक्सिजन, बेड, रेमदेसिविर की कमी से मर रहे। आदरणीय उप मुख्यमंत्री भक्ति में लीन.
सैकड़ों जान से ज़्यादा परवाह कुर्सी की https://t.co/hZ3cPVgS7i
— Kanchan Srivastava (@Ms_Aflatoon) April 14, 2021
वहीं अलौकिक नामक एक यूजर ने मौर्या की इस भक्ति पर करारा प्रहार करते हुए लिखा है कि कब तक आंख पर पट्टी बांधे रहोगे ? बाहर बियाबान है और सावन के अंधे को सब हरा दिखाई दे रहा है. कुछ अपना मस्तिष्क भी प्रयोग करें और आत्सम्मान दिखाएं. देश की बर्बादी में मोदी का साथ न दें अन्यथा आपकी पीढ़ियां भी आपको माफ नहीं करेगी.
यूपी के ही दीपक सिंह कुशवाहा ने मौर्या को जवाब दिया है, साहेब, पहले यूपी को देख लिजिए. अस्पतालों में बेड की कमी है, ऑक्सीजन नहीं है. बनारस से खबरें आ रही हैं. इस पर ध्यान देने की जरुरत है.
शिखा सिंह नामक एक यूजर कहती हैं कि बिल्कुल सही कहा केशव जी, ये वही मोदी है जो लाशों पर उत्सव मनाते हैं. कैसे देश की जनता माफ करेगी, कभी सोचा है और यह ट्वीट करने से पहले एक बार शर्म जरुर आनी चाहिए. विनय ने लिखा है कि मोदी नाम नहीं तबाही है. इन्हें फिर वोट देेने की जनता की मनाही है।
बताते चलें कि पूरा उत्तर प्रदेश कोरोना से कराह रहा है। खुद सीएम योगी आदित्यनाथ और पूर्व सीएम अखिलेश यादव कोरोना की चपेट में आ गए हैं।
निजी अस्पतालों में बेड नहीं है और सरकारी अस्पतालों में व्यवस्था नहीं है लेकिन डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या इन पर ध्यान देने की बजाय मोदी भक्ति में ही लीन नजर आ रहे हैं।