लालू प्रसाद यादव को इलाज के लिए प्लेन की जगह ट्रेन से दिल्ली लाए जाने पर विवाद खड़ा हो गया है। तमाम नेता, समाजिक कार्यकर्ता और पत्रकार झारखंड की भाजपा सरकार द्वारा किए गए कृत की भर्त्सना कर रहे हैं। वरिष्ठ पत्रकार दिलीप मंडल ने अपने फेसबुक पर लिखा है कि…

”गरीब रथ का सारथी!

वह शख़्स जिसने रेल मंत्री रहते पटरियों के रास्ते देश का स्टेशन-स्टेशन और कोना-कोना माप दिया था, कल उन्हें अस्वस्थता के चलते राँची से दिल्ली इलाज के लिए जाने के क्रम में झारखंड की भाजपाई सरकार ने प्लेन से जाने की अनुमति नहीं दी।

यह बर्ताव पूर्व रेल मंत्री, पूर्व मुख्यमंत्री और पूर्व सांसद के साथ हुआ। वह शख़्स जिसने देशभर में ट्रेन से घूम-घूम ग़रीब यात्रियों के दुःख-तकलीफ़ को जाना ही नहीं बल्कि उसका निराकरण भी किया।

शायद आप भूल गए होंगे लालू जी ने सामान्य टिकट से यात्रा करने वाले यात्रियों के लिए भी इतिहास में पहली बार देशभर में पूर्ण वातानुकूलित ट्रेन “ग़रीब रथ” चलवाई थी। कुम्हारों को रोजगार मिले इसलिए कुल्हड़ से चाय बिकवाई थी।

उनके पाँच साल के कार्यकाल में रेलवे ने कभी भी किराया नहीं बढ़ाया। बल्कि ऊपर से रेलवे को 90 हज़ार करोड़ का मुनाफ़ा कमा कर दिया बहरहाल जिसके पास ग़रीबों की दुआ है उसको अमीरों की आह क्या लगेगी?”

बता दें कि चारा घोटाले में सजा पाने के बाद लालू यादव इन दिनों बिरसा मुंडा कारागार में कैद हैं, लेकिन अचानक शुगर लवेल बढ़ने और ह्रदय रोग की वजह से उन्हें रिम्स में भर्ती किया गया था। डॉक्टरों ने उन्हें इंसुलिन लेने की सलाह दी थी, जिसे लालू ने लेने से इनकार कर दिया और इलाज के लिए खुद को एम्स भेजने की बात कही थी।

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