गुरुवार सुबह पूर्व CBI चीफ आलोक वर्मा के दिल्ली स्थित आवास के बाहर से 4 लोगों को पकड़ा गया। इन सभी पर आलोक वर्मा की जासूसी करने का आरोप है। दिल्ली पुलिस ने सभी को हिरासत में ले लिया है और इनसे पूछताछ कर रही है।

हिरासत में लिए गए लोगों ने अपनी पहचान इंटेलिजेंस ब्यूरो के अधिकारी के तौर पर दी है। पकड़े गए लोगों का नाम प्रशांत कुमार, विनीत कुमार गुप्ता, अजय कुमार और धीरज कुमार सिंह है। इन सभी ने अपनी पहचान के तौर पर सीजीएचएस और आधार कार्ड दिए हैं।

इंटेलिजेंस ब्यूरो के अधिकारी के इस तरह से पकड़े जाने को लेकर सोशल मीडिया पर खूब मजाक बन रहा है। वरिष्ठ पत्रकार दिलीप मंडल ने लिखा है कि

‘राजीव जैन देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए ज़िम्मेदार संस्था आईबी यानी इंटेलिजेंस ब्यूरो के चीफ़ हैं। उनके जासूसों को आज सीबीआई के पूर्व चीफ़ आलोक वर्मा के सुरक्षाकर्मियों ने जितने अपमानजनक तरीक़े से पकड़ा और घसीटकर, कॉलर पकड़कर ले गए, उससे देश की प्रतिष्ठा घटी है।

पकड़ना तो ठीक है, घसीटना नहीं चाहिए। इन जासूसों की अक़्ल देखिए, जेब में आइडेंटिटी कार्ड लेकर जासूसी कर रहे थे। मिस्टर जैन, यह शर्मनाक है।’

हालांकि कुछ मीडिया रिपोर्टस् के मुताबिक, आईबी के सूत्रों का कहना है कि वह उच्च सुरक्षा वाले क्षेत्रों में अपने कर्मचारियों को नियमित गश्त के लिए तैनात करती है, क्योंकि इन क्षेत्रों में अनेक महत्वपूर्ण व्यक्तियों के निवास हैं। ये कर्मचारी नियमित गश्त पर थे और इन पर गलत आरोप लगाया जा रहा है कि वे वर्मा की जासूसी कर रहे थे।

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