कुछ दिन पहले उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था को गृहमंत्री अमित शाह ने नंबर एक कहा था जिसपर विपक्षी दलों से सवाल भी उठाए थे।

ये सवाल प्रदेश की चरमराती औऱ जंगलराज में तब्दील हो चुकी कानून व्यवस्था पर उठाए गए थे। इसमें चाहे हाथरस हो या उन्नाव।

पूरे दिन प्रदेश में अपराधियों के अपराध की खबरों की बाढ आई रहती है। जिसपर कोई मंथन नहीं करता उल्टा सवाल उठाने वालों पर कानूनी कार्रवाई करके चुपचाप कर दिया जाता है।

आज प्रदेश के सीतापुर जिले में ऐसी ही एक घटना देखने को मिली जिससे पूरे प्रदेश की कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए।

जिले के हरगांव क्षेत्र में रहने वाले डॉक्टर मुनेंद्र वर्मा को उनके क्लिनिक में घुसकर अपराधियों ने तलवार से काट डाला। इतना ही नहीं उनके पिता को भी तलवार से घायल कर दिया।

डॉ मुनेंद्र की मौत से इलाके में सनसनी फैल गई। अपराधियों के हौंसले बुलंद देखकर यूपी की कानून व्यवस्था का अंदाजा लगाया जा सकता है।

जबकि बताया जा रहा है कि वारदात के करीब पुलिस की जीप भी मौजूद थी फिर भी अपराधी अपराध करने से बिल्कुल भी पीछे नहीं हटे। दिनदहाड़े एक डॉक्टर को तलवार से काट दिया गया है।

क्या अभी भी यूपी की कानून व्यवस्था को नंबर एक कहेंगे गृहमंत्री अमित शाह ? क्या ऐसी वारदातें यूपी की योगी सरकार पर सवाल खड़े नहीं करती हैं क्या ?

यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने इस घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि, सीतापुर के हरगांव क्षेत्र में एक डॉक्टर की तलवार से हत्या व उनके पिता पर क़ातिलाना हमले की दुर्दांत घटना से प्रदेश भयभीत है। श्रद्धांजलि!

घटना-स्थल से कुछ ही दूरी पर पुलिस स्टेशन होने के बावजूद सरेआम ऐसी घटना घट जाना भाजपा सरकार में अपराधियों के बेख़ौफ़ हौसलों को दर्शाता है।

आपको बता दें कि, प्रदेश में अपराधियों औऱ गुंडों की हौंसले बुलंद होते जा रहे हैं जबकि योगी सरकार अपराधियों के प्रदेश छोड़कर जाने का दावा करती रहती है।

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