चुनाव आयोग की विश्वसनीयता पर लगातार सवाल उठ रहे हैं। हाल ही में हुए कर्नाटक चुनाव की तारीखों के के लीक होने और उसके बाद उठाए गए चुनाव आयोग के कदम से आयोग की विश्वसनीयता और ज़्यादा घट सकती है।

‘द कैरावान’ पत्रिका की खबर के मुताबिक, चुनाव आयोग ने इस मामले में कांग्रेस नेता और एक समाचार चैनल की जांच करना का फैसला किया है जबकि तरीख लीक करने का आरोप भाजपा के आईटी सेल हेड अमित मालवीय पर है।

बता दें, कि मंगलवार को चुनाव आयोग कर्नाटक विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान करने वाला था। उससे पहले ही अमित मालवीय ने अपने ट्वीटर अकाउंट से तारीखों के बारे में बता दिया। इसके बाद चुनाव आयोग पर मोदी सरकार के लिए काम करने के कई आरोप लगे।

अमित मालवीय ने अपना ट्वीट डिलीट कर दिया और अपनी सफाई में कहा है कि उन्होंने समाचार चैनल Times Now पर चुनाव की तारिख देखकर ट्वीट किया था।

चुनाव आयोग ने इस मामले की जांच के लिए एक समिति का गठन किया है। इस समिति में छह सदस्य हैं। समिति को सात दिनों में अपनी रिपोर्ट देनी है।

चौंकाने वाली बात ये है कि समिति न तो अमित मालवीय की जांच करेगी और न ही Times Now समाचार चैनल की। बल्कि इसकी जगह समिति कांग्रेस के सोशल मीडिया हेड श्रीवत्सा बी और एक कन्नड़ समाचार चैनल की जांच करेगी।

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