केंद्र में सत्तारूढ़ भाजपा में ऐसे कई नेता शुमार हैं। जिन पर फर्जी डिग्री दिखाकर चुनाव लड़ने के आरोप लग चुके हैं। इनमें देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नाम भी शुमार है।

बीते कुछ वक्त से उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री और भाजपा नेता केशव प्रसाद मौर्य भी इस लिस्ट में जुड़ चुके हैं।

उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य पर आरोप है कि उन्होंने फर्जी डिग्री दिखाकर चुनाव लड़े हैं।

इस संदर्भ में आज प्रयागराज की एसीजेएम कोर्ट ने सुनवाई करते हुए फैसला सुरक्षित रख लिया है।

खबर के मुताबिक, उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने चुनाव के दौरान शैक्षिक प्रमाण पत्र में हिंदी साहित्य सम्मेलन द्वारा जारी की गई प्रथम और द्वितीय की डिग्री लगाई है। जिसे उत्तर प्रदेश सरकार या किसी भी बोर्ड द्वारा मान्यता नहीं दी गई।

इस डिग्री के आधार पर केशव प्रसाद मौर्य ने अब तक पांच चुनाव लड़े हैं। इसके अलावा इसी डिग्री के आधार पर उन्होंने एक पेट्रोल पंप भी खरीदा है।

बताया जाता है कि इस केशव प्रसाद मौर्य की डिग्री को आरटीआई एक्टिविस्ट और भाजपा के ही वरिष्ठ नेता दिवाकर त्रिपाठी ने कोर्ट में चैलेंज दिया था।

आरटीआई एक्टिविस्ट का कहना है कि उन्होंने इस संदर्भ में पहले स्थानीय थाने से लेकर, यूपी सरकार और भारत सरकार के विभिन्न अधिकारियों को प्रार्थना पत्र लिखा था।

लेकिन इस मामले में कोई भी कार्यवाही नहीं की गई इस वजह से उन्होंने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।

आरटीआई एक्टिविस्ट दिवाकर त्रिपाठी द्वारा दावा किया गया है कि केशव प्रसाद मौर्य द्वारा चुनाव में दायर किए गए हलफनामे में लगाई गई डिग्रियों में अलग-अलग तारीख अंकित की गई है।

फर्जी डिग्री मामले में एसीजेएम नम्रता सिंह ने प्रारंभिक जांच के आदेश दिए हैं और अगली सुनवाई 25 अगस्त को तय की गई है।

माना जा रहा है कि उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले अगर कोर्ट द्वारा उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के खिलाफ फैसला सुनाया गया तो इससे भाजपा को बड़ा नुकसान हो सकता है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here