पिछले दिनों दिल्ली में किसान क्रांति यात्रा के बैनर तले किसान दिल्ली आ रहे थे मगर यूपी-दिल्ली बॉर्डर पर उनपर प्रतिबंध लगा दिया गया। प्रदर्शनकारी किसानों पर लाठियां बरसाई जा रही थी मगर एक बुज़ुर्ग किसान ने जो दिलेरी दिखाई उसकी तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हुई।

अब इस किसान का बयान सामने आया है।

हरियाणा के किसान लालूराम जिसका हौसला देखकर पूरा देश उन्हें सलाम कर रहा हैं, उनका कहना है कि, “मेरे भाई मर रहे हैं और मैं चुप बैठ जाऊं ? मैं मरने से नहीं डरता हूँ, देश में किसान वैसे भी आत्महत्या कर रहे हैं, तो क्या हुआ अगर सरकार की गोली से मर जाएंगे”

मीडिया से ख़ास बातचीत में 73 वर्षीय किसान ने कहा कि, “मुझे कोई लाठी मारेगा तो मैं भी उसे मारूंगा, मैं डरने वाला नहीं हूँ। उन्होंने यह भी कहा कि इतनी उम्र में मैंने कभी दवा-गोली नहीं खाई लेकिन आंदोलन में पुलिस की गोली कई बार खाई है।’

यूपी-दिल्ली बॉर्डर पर हुए आंदोलन में घायल हुए किसान लालूराम ने बताया कि, पहले पुलिस ने लाठी चलाई थी, उसके बाद जब मैंने चलाई तो गोली मार दी जो मेरे कंधे को छूकर निकली थी।

निडर किसान ने कहा कि, सरकार से लड़ते हुए किसानों को 40 साल हो गया हैं, हम तो वैसे भी मर रहे हैं। सरकार किसानों की मांगे कभी पूरी नहीं करती। हमेशा हमारी आधी-अधूरी मांगे मानी जाती हैं इसीलिए हर साल-दो साल में किसान आंदोलन करना पड़ता है।

उन्होंने कहा कि, हमेशा यही होता है की अगर किसान आवाज़ उठाए तो उनपर गोलियां बरसाओ, सच तो यह है कि रास्ता पुलिस जाम करती है लेकिन करवाती तो सरकार ही है ।

किसानों को देश की रीढ़ की हड्डी बताते हुए उन्होंने कहा कि, कल को अगर किसान फसल उगाना बंद कर दें तो पूरा देश भूखा मरेगा और अगर किसान ही मर गए तो देश का क्या होगा ।

किसान की मांगों पर चर्चा करते हुए किसान नेता ने कहा कि, सभी राजनीतिक दलों को देख लिया किसी ने लाभ नहीं दिया। सरकार क़र्ज़ माफ़ी के पूरे वादे करे और स्वामीनाथन आयोग लागू करे । किसानों को अगर फायदेमंद दाम नहीं दिया गया तो खेती बंद कर दी जाएगी  ।

बता दें की कैंथल जिले के खुराना गांव के प्रधान रह चुके लालूराम, इससे पहले भी कई बार किसान आंदोलन का प्रमुख हिस्सा रह चुके हैं और पुलिस की गोली से घायल भी हुए हैं ।

साभार-न्यूज़ 18 

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