किसान आन्दोलन की जीत का ऐलान हो चुका है। एक साल पहले संविधान दिवस के दिन शुरू हुआ किसान आन्दोलन आज अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस की पूर्व-संध्या पर अपने विजयी समापन की ओर बढ़ रहा है।
गुरुवार सुबह सरकार की तरफ से आधिकारिक चिट्ठी मिलने के बाद संयुक्त किसान मोर्चा ने किसान आन्दोलन ख़त्म करने का ऐलान कर दिया है। भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी धर्मेंद्र मलिक ने भारत सरकार की तरफ से मिली चिट्ठी को शेयर करते हुए लिखा है, ”आंदोलन समाप्ति की घोषणा। 11 दिसम्बर से मोर्चे खाली करेंगे किसान”
आंदोलन समाप्ति की घोषणा 11 दिसम्बर से मोर्चे खाली करेंगे किसान#FarmersProtest @ANI @PTI_News pic.twitter.com/D2JIl2dH9u
— Dharmendra Malik (@Dmalikbku) December 9, 2021
मीडिया से बात करते हुए राकेश टिकैत ने भी कहा है कि ”11 दिसंबर से सभी बॉर्डर खाली होना शुरू हो जाएंगे।”
किसान नेता @RakeshTikaitBKU ने कहा-'11 दिसंबर से सभी बॉर्डर खाली होना शुरू हो जाएंगे.'#FarmersProtest @JournoAmitSingh @Ankit_Tyagi01 pic.twitter.com/VHWiScK8yS
— Times Now Navbharat (@TNNavbharat) December 9, 2021
संयुक्त किसान मोर्चा ने आन्दोलन की वापसी की घोषणा करते हुए कहा है, ”हम एक अहंकारी और तानाशाही सरकार को झुका कर यहां से जा रहे हैं।”
#BREAKING : हम एक अहंकारी और Dictatorship वाली सरकार को झुका कर यहां से जा रहे हैं : संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) #FarmLawsRepealed #FarmersProtest pic.twitter.com/ApgzEBLOGP
— News24 (@news24tvchannel) December 9, 2021
बता दें कि मोदी सरकार ने किसानों की पांच मांगों को मान लिया है।
1. एमएसपी के लिए कमेटी बनाने की घोषणा हुई है।
2. आन्दोलनकारियों और समर्थकों पर दर्ज आन्दोलन संबंधित सभी मामलों को तत्तकाल प्रभाव से वापस लेने की घोषणा हुई है।
3. मुआवजा के लिए यूपी और हरियाणा सरकार ने सैद्धांतिक सहमति दे दी है, वहीं पंजाब सरकार ने सार्वजनिक घोषणा की है।
4. बिजली बिल को लेकर पहले किसानों से चर्चा करने और फिर संसद में बिल पेश करने का वादा किया गया है।
5. पराली जलाने संबंधी कानून की धारा 14 और 15 में क्रिमिनल लायबिलिटी से किसानों को मुक्त कर दिया गया है।