सीबीआई जज लोया की कथित हत्या का मामला अब और ज़्यादा गंभीर होता जा रहा है। मामले से जुड़ी आ रही नई खबरें भाजपा पर कई सवाल खड़े करती हैं।

जज लोया मामले में वकील सतीश उके के दोस्त और असिस्टेंट अधिवक्ता अभियान बराहाते ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस के भाई संजय फडणवीस के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है। संजय फडणवीस पर अभियान को फोन कर धमकाने के आरोप हैं।

अभियान ने आरोप लगाया है कि संजय ने उन्हें फोन कर बुरा अंजाम भुगतने की धमकी दी है। फ़ोनकॉल से जुड़ी सारी जानकारी पुलिस को दे दी गई है।





गौरतलब है कि इस मामले में महाराष्ट्र की भाजपा सरकार पर पक्षपात का आरोप लग रहा है। जब लोया की मृत्यु हुई तो वह महाराष्ट्र में ही थे। महाराष्ट्र सरकार ने उनकी मौत से सम्बंधित जो रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट में जमा की है उसमें भी बहुत सी गड़बड़ियां पाई गई हैं।

इसके आलावा इस मामले में सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट भी कह चूका है कि नागपुर में जज लोया की मौत के बाद पुलिस ने सही से जांच नहीं की थी। जांच प्रक्रिया में आपराधिक संहिता धारा 174 का उल्लंघन किया गया था।

बता दें कि लोया सोहराबुद्दीन एनकाउंटर मामले को देख रहे थे। इस मामले में मुख्य आरोपी भाजपा अध्यक्ष अमित शाह थे। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामलें की कार्रवाई गुजरात से बाहर करने का आदेश दिया था जिसके बाद ये मामला सीबीआई अदालत में आया।

यहाँ इस मामले को देख रहे पहले न्यायाधीश उत्पत ने अमित शाह को मामले की कार्रवाई में उपस्थित न होने को लेकर फटकार लगाई थी। लेकिन अगली तारीख से पहले ही उनका ट्रान्सफर हो गया।

इसके बाद बृजगोपाल लोया आये, उन्होंने भी अमित शाह के उपस्थित न होने पर सवाल उठाए और सुनवाई की तारीख 15 दिसम्बर 2014 तय की लेकिन 1 दिसम्बर को ही उनकी मौत हो गई। इसके बाद न्यायधीश एमबी गोसवी आये, जिन्होंने दिसम्बर 2014 के अंत में ही अमित शाह को इस मामले में बरी कर दिया।

लोया की बहन अनुराधा बियानी ने ‘द कैरावान’ पत्रिका को दिए इंटरव्यू में जज लोया की हत्या का शक जताया था। उन्होंने कहा था कि सोहराबुद्दीन मामले की सुनवाई के दौरान लोया को आरोपियों के पक्ष में फैसला देने के लिए 100 करोड़ की रिश्वत का प्रस्ताव मिला था।

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