प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी वाराणसी को मीडिया के जरिए चाहे जितना क्योटो बनाने की बात प्रचारित करवा लें, लेकिन वाराणसी की ज़मीनी हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है। पीएम मोदी के संसदीय नगरी वाराणसी में आम इलाकों की बात तो छोड़िये एयरपोर्ट भी यात्रियों के लिए सुरक्षित नहीं हैं।

वाराणसी अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट पर विदेशी नागरिक की डॉक्टर ना होने की वजह से मौत हो गई। एयरपोर्ट पर विदेशी नागरिक की मौत से पीएम के सभी दावों पर पानी फिर गया है।

शुक्रवार को एक सैलानी बैंकॉक से दिल्ली घूमने आ रहा था। स्पाइस जेट के विमान से बैंकॉक से दिल्ली जाते समय रास्ते में सैलानी की तबियत बिगड़ गई। सैलानी की तबियत बिगड़ती देख इलाज के लिए वाराणसी के लाल बहादुर शास्त्री एयरपोर्ट पर विमान की इमरजेंसी लैंडिंग करवाई गई। मगर, एयरपोर्ट पर कोई डॉक्टर मौजूद नहीं था।

ऐसे में आनन-फानन में विदेशी नागरिक को पास के निजी अस्पताल में ले जाते समय रास्ते में उसकी मौत हो गई। एक विदेशी नागरिक की अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट पर डॉक्टर ना होने की वजह से मौत प्रधानमंत्री मोदी और भाजपा के सभी दावों की पोल खोल दे रहा है। जिस वाराणसी से प्रधानमंत्री सांसद हैं वहां के एयरपोर्ट पर मूलभूत सुविधाएं तक नहीं हैं।

बता दें कि पूरी दुनिया में अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट पर डॉक्टर रहते हैं और इमरजेंसी होने पर वो यात्रियों को अपनी सेवाएं देकर इलाज करते हैं। विश्व में अपना लोहा मनवाने की बात करने वाले पीएम मोदी इन घटनाओं से विदेश (बैंकॉक) में बल्कि भारत की नाक ही कटवा रहे हैं।

जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संसदीय क्षेत्र में अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट की ये हालत है तो वाराणसी के ही और दूसरे ग्रामीण इलाकों और पूरे देश के पिछड़े इलाकों की हालत का अंदाज़ा लगाया जा सकता है कि स्थिति कितनी डरावनी होगी।

वाराणसी एयरपोर्ट देश का 21 वां सबसे व्यस्त हवाईअड्डा है। इसका संचालन एयरपोर्ट्स ऑथोरिटी ऑफ इंडिया करता है।

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