पूरे देश में अपनी भाषा, कुशल प्रशासक, राजनीति और काम के लिए जाने-जाने वाली पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज पंचतत्व में विलीन हो गईं। राजनीति और मीडिया के गलियारों में सुषमा स्वराज को ‘बहन’ के नाम से पुकारा जाता था। जिसको लेकर लोग कहने लगे हैं कि रक्षाबंधन से पहले दुनिया छोड़कर चली गई हमारी बहन। इस खबर को जिसने सुना उसने बोला वो मुझे भाई बोलती थीं।
इस दिग्गज बीजेपी नेता को सभी दलों का स्नेह प्राप्त था, क्योंकि उनके पार्टी के इतर जाकर दूसरे दलों के लोगों से आत्मीय संबंध थे। राज्यसभा में उप राष्ट्रपति वैंकया नायडू ने सुषमा स्वराज के निधन को निजी क्षति बताया। स्वराज को अंतिम विधि देते हुए उप राष्ट्रपति नायडू फफक-फफक पर रो पड़े। नायडू सुषमा स्वराज को अपनी छोटी बहन मानते थे जो हर रक्षा बंधन पर उन्हें राखी बंधा करती थीं।
इससे पहले राज्यसभा में सुषमा स्वराज को श्रद्धांजलि देते हुए वेंकैया नायडू ने कहा कि वह एक सक्षम प्रशासक और जनता की सच्ची आवाज थीं। वेंकैया नायडू ने कहा कि सुषमा एक रोल मॉडल के तौर पर उभरीं और उन्हें ऐसी मंत्री के रूप में जाना गया जिनसे सबसे आसानी से संपर्क किया जा सकता है।
वैंकया नायडू ने सुषमा स्वराज को अपनी छोटी बहन बताते हुए कहा कि वो मुझे अन्ना (बड़ा भाई) कहकर बुलाती थीं। सुषमा हर साल रक्षा बंधन पर मुझे राखी बांधती थीं, लेकिन इस साल मुझे यह सौभाग्य प्राप्त नहीं होगा। नायडू ने ने कहा, जब मैंने एक बार उनके गहर जाकर राखी बंधवानी चाही तो सुषमा ने फोन करके मुझे आने से मना करते हुए कहा कि मेरे गहर मत आइए क्योंकि आप देश के उप राष्ट्रपति हैं। मैं ही आपके घर आकर राखी बांधती हूं।
#WATCH Delhi: Prime Minister Narendra Modi, VP Venkaiah Naidu, senior BJP leader LK Advani, Union Ministers Amit Shah, Rajnath Singh & others leave from Lodhi Crematorium. #SushmaSwaraj pic.twitter.com/NvThkFueR2
— ANI (@ANI) August 7, 2019
सुषमा स्वराज को उनके आवास पर जाकर पुष्प चढ़ाते हुए सपा सांसद रामगोपाल यादव, वरिष्ठ बीजेपी नेता लाल कृष्णा आडवानी सहित कई दिग्गज नेता रो पड़े।
वहीं राज्यसभा में कांग्रेस दल के नेता गुलाम नबी आजाद ने सुषमा स्वराज को याद करते हुए कहा कि, हम स्तब्ध हैं, हमें ज़रा भी उम्मीद नहीं थी कि वो हमें इतनी जल्दी छोड़कर चली जाएंगी। मैं उनको 1977 से जनता था, जब मैं यूथ कांग्रेस में था। हम 42 वर्षों से एक दूसरे को जानते थे। हमने एक दूसरे को कभी नाम से नहीं बुलाया, वो मुझे हमेशा भाई कहती थीं और मैं उनको बहन कहकर बुलाता था।
पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज साथ बार सांसद रहीं और तीन बार विधायाक रहीं। दिल्ली की पहली महिला मुख्यमत्री रहने के साथ में वो कई बार केंद्रीय मंत्री रहीं। इस लोकसभा चुनाव में स्वस्थ्य कारणों से स्वराज ने चुनाव लड़ने से मना कर दिता था। दिल्ली के एम्स में दिल का दौरा पड़ने से मंगलवार रात उनका 67 वर्ष की आयु में उनका निधन हो गया जो भारतीय राजनीति के लिए बड़ी क्षति है।