जनता के पैसे को जनता के कल्याण में खर्च करने की बजाय किस तरह से अपने विज्ञापनों में लुटाया जा रहा है, इसकी बानगी इस बार के इंडिया टुडे मैगजीन में देखा जा सकता है. इंडिया टुडे में योगी सरकार की उपलब्धियों का बखान करते हुए 24 पन्नों का विज्ञापन लगाया गया है.

24 पन्ने के इन विज्ञापनों में बताया जा रहा है कि कैसे यूपी की योगी आदित्यनाथ की सरकार में यूपी में हर तरफ विकास की गंगा बह रही है. बेरोजगारी दूर हो रही है. गरीबों की आय दोगुनी हो रही है. किसान और नौजवान खुश हैं. महिलाओं के साथ अत्याचार नहीं हो रहे हैं. महिला सशक्तिकरण हो रहा है और तो और कोरोना की लहर में यूपी में कोई खास समस्या हुई ही नहीं…

पूर्व आईएएस अधिकारी सूर्य प्रताप सिंह ने इंडिया टुडे मैगजीन में योगी सरकार के 24 पन्नों के विज्ञापन पर जमकर हमला बोला है. सीएम योगी आदित्यनाथ को इश्तिहारी राजा की संज्ञा देते हुए पूर्व आईएएस ने कहा कि कहीं ये एक इश्तिहारी राजा का झूठ चौबीसा तो नहीं !

उन्होंने कहा कि इंडिया टुडे में 24 पन्नों का विज्ञापन ऐसा लग रहा है जैसे यूपी में कोई बेरोजगार नहीं, कोरोना से कोई मरा ही नहीं, गरीबों की आय दोगुनी हो गई है, कोई हत्या, रेप, चीर हरण नहीं हो रहा, किसान मजदूर को जरुरत से ज्यादा मिल गया. सूर्य प्रताप सिंह ने यूपी की जनता को इस रामराज्य की बधाई दी है. मालूम हो कि इंडिया टुडे मैगजीन के इस विज्ञापन के पहले पन्ने यानी मुख्य पृष्ठ पर सीएम योगी आदित्यनाथ की बड़ी सी तस्वीर लगाई गई है और शीर्षक दिया गया है कर्म योगी…

जैसे ही पन्ने को पलटते हैं पीएम मोदी की तस्वीरों के साथ कोरोना काल में सरकार की उपलब्धियों पर प्रकाश डाला गया है. अन्य पन्नों पर बताया जाता है कि उत्तर प्रदेश बन रहा है एक्सप्रेस प्रदेश. महिला सशक्तिकरण के बारे में बताया जाता है. नौकरियों के रोड मैप के बारे में लंबा चौड़ा आलेख प्रकाशित किया गया है.

विज्ञापन यहीं नहीं रुकता. महिला सुरक्षा को लेकर यूपी सरकार के उपायों को बताया जाता है. योगी सरकार में किसानों की खुशहाली की बात बताई जाती है. लघु उद्योगों के विकास की कहानी कही जा रही है. हर क्षेत्र में यूपी को नंबर वन बताया जाता है. सारी उपलब्धियों को बताते हुए ऐसा लग रहा है कि सच में यूपी में कोई समस्या नहीं है. यूपी में ऑल इज वेल है. यूपी की जनता योगी आदित्यनाथ की सरकार में रामराज जैसा जीवन व्यतीत कर रही है, हालांकि इस विज्ञापन में यह नहीं बताया कि देश के 09 लाख अति कुपोषित बच्चों में अकेले 04 लाख बच्चे यूपी में ही हैं और इस मामले में भी यूपी नंबर 01 है.

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