देश के सबसे बड़े सूबे उत्तर प्रदेश में कोरोना विस्फोटक रुप में पहुंच चुका है। स्थिति यह है कि यूपी के रोजाना 15 से 20 हजार लोग लोग कोरोना संक्रमण का शिकार हो रहे हैं।

राजधानी लखनऊ भी इससे अछूता नहीं है। मरने वालों की तादाद भी लगातार बढ़ती जा रही है।

जब कोरोना की दूसरी लहर शुरु हो रही थी, उस दौर में यूपी की सरकार और सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ सब कुछ छोड़ कर चुनावजीवी बने हुए थें और पश्चिम बंगाल, केरल में चुनाव प्रचार कर रहे थे।

अब जब हालात बेकाबू होते जा रहे हैं, तो सरकार श्मशान घाटों को ढकवा रही है ताकी लोग तस्वीरें न ले सकें।

मालूम हो कि यूपी की राजधानी लखनऊ में बुधवार के दिन 5433 लोग कोरोना संक्रमण की चपेट में आए। इसके साथ ही इलाज के दौरान 14 कोरोना संक्रमितों की मौत हो गई।

लखनऊ के भैंसाकुंड श्मशान घाट में एक साथ जलती इन चिताओं की एक वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हुआ।

इसके बाद सरकार अब इस भैंसाकुंड श्मशान घाट को कवर करवा रही है ताकी आगे से कोई जलती हुई चिताओं की तस्वीरें या वीडियो न ले लें।

सोशल मीडिया पर एक्टिव रहने वाले पूर्व आईएएस अधिकारी सूर्य प्रताप सिंह ने भैंसाकुंड श्मशान घाट को ढंकवाने वाले वीडियो को ट्वीटर पर अपलोड करते हुए लिखा है कि लखनऊ में लाशें छिपाने का सिलसिला शुरु. भैंसाकुंड ढंका जा रहा है ताकी लोग तस्वीरें न ले सकें. मानवता मर गई है.

पीएम मोदी को आह्वान करते हुए सूर्य प्रताप सिंह ने कहा कि नरेंद्र मोदी जी, इस प्रदेश की जनता ने आपको सत्ता सौंपी है, आप ऐसा व्यवहार क्यों कर रहे हैं हमारे साथ ?

इसके साथ ही लखनऊ से लाशों की संख्या छिपाने का मामला भी सामने आ रह है। सरकार की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार बुधवार को कोरोना की वजह से लखनऊ में 14 लोगों समेत पूरे यूपी में 68 लोगों की मौत हुई थी तो 98 लाश कहां से आ गए जिनका अंतिम संस्कार श्मशानों में किया गया !

इसके पूर्व मंगलवार को भी लखनऊ के श्मशान घाटों में 81 लाशों को अंतिम संस्कार किया गया था।

ये लाश कहां से और कैसे आ रहे हैं ये एक बड़ा सवाल बन गया है। चर्चा तेज है कि सरकार अपनी नाकामी छिपाने के लिए लाशों की संख्या कम करके सार्वजनिक कर रही है।

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