योगी आदित्यनाथ को उत्तर प्रदेश की सत्ता संभाले लगभग एक साल हो चुका हैं। इन एक साल में यूपी जातीय हिंसा, साम्प्रदायिकता, रेप, हत्या, लूट जैसी आपराधिक गतिविधियों में लिप्त रहा।
योगी सरकार इन अपराधों को ढ़कने के लिए पिछली सरकार के आंकड़ों को आगे कर देती है।
लेकिन मुद्दा ये है कि जनता आकड़ों का खेल नहीं समझती, उत्तर प्रदेश में हर रोज हो रही हिंसा से जनता डरी हुई है। महिला सुरक्षा के नाम पर बनाया गया एंटी रोमियो स्क्वाड ढूंढने से भी नहीं मिलता, क्यों?
क्या एंटी रोमियो स्क्वाड वाला ड्रामा सिर्फ कुछ दिनों के टीवी फूटेज के लिए था? यूपी में हर रोज महिलाओं को किसी ने किसी तरह से शिकार बनाया जा रहा है।
ताजा मामला पूर्वी उत्तर प्रदेश के बरेली का है। बरेली के मीरगंज थाना क्षेत्र के नाथपुरा की रहने वाली एक लड़की ने इंसाफ न मिलने के कारण आत्महत्या कर लिया है। लड़की के साथ 6 महीने पहले गैंगरेप किया गया था।
पुलिस में मामला दर्ज करवाने और लगातार अफसरों के चक्कर लगाने के बाद भी लड़की को इंसाफ नहीं मिल रहा था।
लड़की थाने के अफसरों से गुहार लगा लगाकर थक चुकी थी। परेशान पीड़िता ने घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली है।
गैंगरेप का आरोप जिला पंचायत सदस्य समेत चार लोगों पर लगा था। योगीराज में भाषण तो हर रोज मिल रहे हैं लेकिन इंसाफ नहीं मिल पा रहा है।