मोदी सरकार ने देश की जनता को मूर्ख समझ लिया। पिछले दिनों रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण ने कुछ दिनों पहले कहा था कि जेएनयू में कुछ ताकतें हैं, जो भारत के खिलाफ “युद्ध छेड़ रही हैं”

इस बयान के लिए निर्मला सीतारमण की जमकर आलोचना हुई थी। अब बिहार के नावादा से बीजेपी सांसद गिरिराज सिंह ने कहा है कि JNU और AMU जैसे कई यूनिवर्सिटी में ज़हर पल रहे है।

उन्होंने ट्वीट किया है कि ‘JNU और AMU जैसे कई यूनिवर्सिटी में ज़हर पल रहे है। वह मारे गए आतंकी के समर्थन में नमाज पढ़ रहे हैं। अब समझने वाली बात यह है कि अवार्ड वापसी वाले इन जहर का समर्थन करते हैं और यह जहर आतंकियों का। ये चेहरे तो साफ-साफ भारत विरोध है। भारत में इन सब का विरोध होना चाहिए।’

क्या मोदी सरकार के इन मंत्रियों का बयान निहायती बेतुका नहीं है? सबसे पहली बात ये कि अगर JNU और AMU में ज़हर पल रहे है तो सरकार क्या कर रही है?

JNU और AMU दोनों ही सेंट्रल यूनिवर्सिटी है। सेंट्रल में पूर्ण बहुमत की मोदी सरकार है। अगर इन दोनों सेंट्रल यूनिवर्सिटी में ज़हर पल रहे है तो सरकार के मंत्री ट्वीट क्यों कर रहे हैं, कार्रवाई क्यों नहीं कर रहे?

पाकिस्तान को सबक सिखाने का वादा कर सत्ता में आयी मोदी सरकार यूनिवर्सिटी के छात्रों से क्यों डर रही है? संसद से मात्र 12 किलोमीटर दूर स्थित JNU के छात्रों से अगर देश को खतरा है तो ये मोदी सरकार की बड़ी असफलता है।

AMU जिस उत्तर प्रदेश में है वहां बीजेपी का शासन है। योगी आदित्यनाथ मुख्यमंत्री हैं। AMU जिस संसदीय क्षेत्र में आता है वहां से सांसद बीजेपी के सतीश गौतम हैं।

जब सत्ता, प्रशासन, तमाम जांच एजेंसियां बीजेपी के पास है तो गिरिराज सिंह ट्विटर पर किससे दुःख रो रहे हैं? अगर ये जनता को मूर्ख समझना नहीं है तो और क्या है?

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