बिहार के पांच जिले दंगे की आग में जल रहे हैं। भागलपुर हिंसा की आग औरंगाबाद, समस्तीपुर, मुंगेर और नालंदा तक पहुँच चुकी है। दंगे से हजारों लोग प्रभावित हुए हैं। भागलपुर से दंगे की शुरुआत हुई जहाँ केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे के बेटे और भाजपा नेता अर्जित शास्वत ने समर्थकों के साथ जुलुस निकला जिसके बाद इलाके में पथराव और आगजनी की घटनाएं हुईं।

अब बिहार में दंगों को लेकर टीवी चैनलों पर डिबेट शुरू हो गई है। दंगा प्रभावित इलाकों से आ रही फोटो और वीडियो से साफ पता चल रहा है कि दंगे कौन भड़का रहा है। लेकिन टीवी चैनलों के पत्रकार डिबेट में पूछ रहे हैं कि बिहार में ‘दंगों’ के लिए कौन जिम्मेदार है।

बीजेपी नेता अर्जित शास्वत पर FIR हो गई, समस्तीपुर में बीजेपी के ही दिनेश कुमार झा और मोहन पटवा को दंगे के आरोप में गिरफ्तार किया गया है, फिर भी गोदी मीडिया के पत्रकार पूछ रहे हैं कि दंगों का जिम्मेदार कौन है!

बता दें कि रामनवमी के दिन भागलपुर में अर्जित शास्वत द्वारा जुलुस निकालने को लेकर पुलिस ने उनपर FIR दर्ज की, मगर शास्वत ने सत्ता के नशे में FIR को ही फाड़ने की बात कह डाली।

वहीं उनके पिता और मोदी सरकार में केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे ने कहा कि उनके बेटे ने कुछ गलत नहीं किया है इसीलिए “FIR की कॉपी को कूड़े के ढेर में फेंक देना चाहिए।”

जब प्रशासन के पास दंगे भड़काने को लेकर बीजेपी नेता के खिलाफ पुख्ता सबूत मौजूद हो, खुद सांसद और केंद्रीय मंत्री यह कहता है कि उसके बेटे ने कोई गलत काम नहीं किया है।

ऐसे में लोगों की आवाज और लोकतंत्र के चौथे स्तंभ ‘मीडिया’ का सबसे बुरा दौर ही है, जिसका बीजेपी प्रेम खुलकर सामने आ रहा है।

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