साल 2019 के चुनाव आने से पहले ही मोदी सरकार की राह मुश्किल होती जा रही है। एक एक करके सभी सहयोगी दल एनडीए का साथ छोड़ते चले जा रहे है। आंध्रा से टीडीपी के बाद अब गोरखा जनमुक्ति मोर्चा (जीजेएम) ने एनडीए से खुद को अलग कर लिया है।

जीजेएम के पार्टी के नेता एल एम लामा ने शनिवार को एनडीए से अलग होने का फैसला कर लिया है। उनका कहना था कि बीजेपी ने गोरखा लोगों के साथ धोखा किया है।

दरअसल पश्चिम बंगाल के बीजेपी बीजेपी प्रमुख दिलीप घोष ने कहा था कि गोरखा जमनुक्ति मोर्चा से बीजेपी का सिर्फ चुनावी गठबंधन है। इसके अलावा इस पार्टी से किसी भी राजनीतिक मुद्दे पर कोई समझौता नहीं हुआ है।

इसी बयान के बाद गोरखा जनमुक्ति मोर्चा ने मोदी सरकार और एनडीए से अलग होते हुए कहा कि गोरखा लोगों का जो सपना है वो हमारा सपना है लेकिन दिलीप घोष के बयान ने पीएम के इस बयान और बीजेपी की नीयत पर से पर्दा उठा दिया है।

पिछले कुछ दिनों एनडीए के सभी घटक दलों का उसपर से भरोसा उठता गया और टीडीपी ने खुद को पहले मोदी सरकार से अलग किया फिर उसके बाद एनडीए से अलग हो गए। जिसके बाद अभी भी आंध्र प्रदेश को लेकर सियासी हलचल तेज हो रही है।

बता दे कि भाजपा की वजह से ही दार्जिलिंग के पहाड़ी इलाकों में अविश्वास और राजनीतिक उथल-पुथल का माहौल है।’ गोरखा समुदाय पश्चिम बंगाल के पहाड़ी हिस्से को अलग गोरखालैंड राज्य बनाने की मांग कर रहा है। इसको लेकर जीजेएम बीते साल काफी लंबा आंदोलन किया था।

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