देश में एक तरफ जहां रोजगार को लेकर युवा सड़कों पर है। वही दूसरी तरफ केंद्रीय श्रम मंत्री संतोष कुमार गंगवार ने लोकसभा में बयान देते हुए कहा है कि हमारी सरकार ने रोजगार को लेकर कोई भी लक्ष्य तय नहीं किया है। उन्होंने आगे कहा कि सरकार रोजगार के अवसर पैदा करना और नौकरियों को लेकर सरकार ने फिलहाल कोई योजना नहीं बनाई है हालाकिं नौकरियों में सुधार करना सरकार की प्रमुख चिंता ज़रूर है।

दरअसल लोकसभा में रोजगार के बारें में पूछे गए सवालों पर श्रम एवम रोजगार मंत्री संतोष कुमार गंगवार ने कहा कि सरकार ने निजी सेक्टर को प्रोत्साहित करते हुए नौकरी के अवसर पैदा करने में कई महतवपूर्ण कदम उठाए है। वही सरकार मनरेगा और दीनदयाल ग्रामीण कौशल्य योजना के बारें में बोलते हुए कहा कि सरकार अपनी योजनाओं के तहत रोजगार देने की कोशिश कर रही है।

लोकसभा में ‘वर्ल्ड एंप्लॉयमेंट ऐंड सोशल आउटलुक ट्रेंड्स- 2018’ रिपोर्ट पर सवाल किया गया था की क्या रिपोर्ट के मुताबिक भारत में 18.6 मिलियन यानी 1 करोड़ 86 लाख लोग बेरोजगार होंगे, जिसके जवाब में श्रम मंत्री ने सरकार की तरफ से सिर्फ योजनाओं के तहत जो पहले से ही चल रही वही से रोजगार पैदा होने की बात कहीं है।

रोजगार को लेकर सरकार ने जितनी आसानी ये कह दिया की उनका रोजगार पैदा करने का कोई लक्ष्य नहीं है। वही अगर आकड़ों को देखे तो भाजपा राज के दौरान राज्य में बेरोज़गारी के कारण आत्महत्या करने वालों की संख्या 20 गुना यानि 2000 प्रतिशत बढ़ी है। पूरे देश में सबसे ज़्यादा बेरोज़गारी के कारण मध्यप्रदेश में ही युवा आत्महत्या करते हैं।

बता दे कि पिछले ही दिनों सरकार ने दिमाग में ‘अच्छे दिनों’ की एक तस्वीर बनाते हुए रोजगार से जुड़े आकड़े, सर्वे बंद कर कर दिए थे। जिससे सरकार से रोजगार पर सवाल जवाब न हो सके मगर रोजगार से जुड़े सवाल पर सरकार ऐसे बयान देकर फस गई है।

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