राफेल डील पर हर दिन नए खुलासे देखने को मिल रहें है। अब एचएएल यानी हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड के चेयरमेन आर. माधवन का बयान मोदी सरकार को मुश्किल में डाल सकता है।
माधवन ने कहा है कि हमें पिछले सौदे को रद्द किए जाने की जानकारी नहीं थी, उन्होंने कहा कि हम राफेल पर कुछ नहीं बोलना चाहते है क्योंकि अब हम इस सौदे का हिस्सा नहीं है।
माधवन के इस बयान से एक बात साफ़ है कि मोदी सरकार ने एचएएल को राफेल डील के लिए नजरंदाज किया है। वहीं राफेल डील पर बीबीसी से बात करते हुए रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि राफेल डील बिलकुल साफ़ है इसमें कुछ भी गलत नहीं है, जब उनसे कीमत पर सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि जो कुछ भी हमें बताना था हम संसद में पहले ही बता चुके हैं।
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पर रक्षा मंत्री ने कहा कि राहुल गांधी चार जनसभा में चार अलग दाम बताते है जोकि कहीं से भी नहीं है।
फिर उनसे सवाल पूछा गया कि आखिर राफेल डील हुई कितने में तो उन्होंने नियमों का हवाला देते हुए दाम बताने से मना कर दिया, रक्षामंत्री ने कहा कि हम मीडिया रिपोर्ट्स पर जवाब नहीं दे सकते है हमें जो भी जवाब देना था हम पहले ही संसद में दे चुके है।
गौरतलब हो कि राफेल डील पर एचएएल के चेयरमेन ने उन्हें नहीं पता था कि मोदी सरकार ने पिछली राफेल डील रद्द करके नए सिरे से राफेल के लिए दसॉल्ट एविएशन से सौदा किया गया है।
क्या है विवाद
राफेल एक लड़ाकू विमान है जिसे भारत फ्रांस से खरीद रहा है। कांग्रेस ने मोदी सरकार पर आरोप लगाया है कि मोदी सरकार ने विमान महंगी कीमत पर खरीदा है और इस डील से उद्योगपति अनिल अंबानी को फायदा पहुँचाया है। जबकि सरकार का कहना है कि यही सही कीमत है।
बता दें, कि इस डील की शुरुआत यूपीए शासनकाल में हुई थी। कांग्रेस का कहना है कि यूपीए सरकार में 12 दिसंबर, 2012 को 126 राफेल विमानों को 10.2 अरब अमेरिकी डॉलर (तब के 54 हज़ार करोड़ रुपये) में खरीदने का फैसला लिया गया था। इस डील में एक विमान की कीमत 526 करोड़ थी।
इनमें से 18 विमान तैयार स्थिति में मिलने थे और 108 को भारत की सरकारी कंपनी, हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल), फ्रांस की कंपनी ‘डसौल्ट’ के साथ मिलकर बनाती। अप्रैल 2015, में प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी फ़्रांस यात्रा के दौरान इस डील को रद्द कर इसी जहाज़ को खरीदने के लिए में नई डील की।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, नई डील में एक विमान की कीमत लगभग 1670 करोड़ रुपये होगी और केवल 36 विमान ही खरीदें जाएंगें।
Baat to sahi keh rahi hai Raksha Mantri Kyonki aap sabhi jante hai ki koi ladies apne suit or saari ka rate nahi batati to fir Rafel ka kiyo
Thoroughly probed in the National interest
Bhai modi sarkar hai agar inke pichhe koi bolne vala na ho to ye desh ambani ko dede aur modiji jhola utha k chal diye hote