भारत विभिन्नता में एकता के लिए जाना जाता है। ये बात फिर से एक बार साबित हो गई। पश्चिम बंगाल में भड़क रहे दंगों के बीच रानीगंज और आसनसोल के रहने वाले विभिन्न धर्मों के लोगों ने शुक्रवार को एक-दूसरे को राखियां बांधकर सद्भावना और एकता का सन्देश दिया।
इन इलाकों में रामनवमी शोभायात्रा के दौरान सांप्रदायिक हिंसा भड़क गई थी। बांग्ला सांस्कृतिक मंच नाम की एक संस्था ने शुक्रवार को कोलकाता में एकेडमी ऑफ फाइन ऑर्ट्स के बाहर एक कार्यक्रम आयोजित किया। यहां विभिन्न धर्मों से ताल्लुक रखने वाले लोग धार्मिक आधार पर भेदभाव की निंदा करने को एकत्र हुए।
बता दें, कि पश्चिम बंगाल में रामनवमी के बाद से लगातार दंगे भड़क रहे हैं। कई उग्र धार्मिक संगठनों पर दंगे भड़काने का आरोप है। ये कहा जा रहा है कि राजनीतिक फायदे के लिए ऐसी घटनाओं को अंजाम दिया जा रहा है। राज्य में पिछले साल से आरएसएस ने हथियारों के साथ उग्र तरीके से रामनवमी का जुलूस निकालने की शुरुआत की है।
आयोजनकर्ता मंच के अध्यक्ष समीरुल इस्लाम ने कहा, ”दो समुदायों के बीच ऐसी हिंसा देखना बंगाल की संस्कृति नहीं है। यह रबींद्रनाथ टैगोर और नजरुल इस्लाम की धरती है जिन्होंने हमें धार्मिक सद्भाव सिखाया है। इस कार्यक्रम के ज़रिए, हम लोगों को एक मज़बूत संदेश देना चाहते हैं कि हम हिन्दू और मुसलमानों के बीच एकता के लिए खड़े हैं। यहां इन दो धर्मों के लोग एक-दूसरे को राखी बांधेंगे ताकि यह संदेश दूर तक और स्पष्ट रूप से जाए।”
बताया जा रहा है कि यह संस्था ऐसे ही कार्यक्रम 14 अप्रैल को (बंगाली नववर्ष) पर भी आयोजित करेगी। मंच के महासचिव तन्मय घोष ने लोगों से राज्य में शांति बनाए रखने की अपील की। उन्होंने कहा, ”यह और हिंसा भड़काने का समय नहीं, सांप्रदायिक सद्भाव पैदा करने का वक्त है।”
कार्यक्रम में शिरकत करने वाले भाषा व चेतना समिति के महासचिव व बिधाननगर कॉलेज में असिस्टेंट प्रोफेसर, इमानुल हक ने कहा कि पश्चिम बंगाल के गांवों में, ईद पर हिन्दू बहुत कम अपने घरों में खाना खाते हैं। इसी तरह, हिन्दू त्योहारों के समय मुस्लिम पंडालों और हिन्दू घरों में खाना खाते हैं। यह हमारी परंपरा रही है और हमें इसकी रक्षा करनी होगी। यहां तक कि हिन्दू शादियों में, हम मेहमानों को बिरयानी सर्व होते देखते हैं। यह एक उदाहरण है कि कैसे दोनों समुदाय एक-दूसरे एक जुड़े हुए हैं।
हक ने कहा, ”आज, कुछ लोग गलत नीयत से इस सद्भाव को खत्म करना चाहते हैं। बतौर इस राज्य के नागरिक, ऐसी किसी की कोशिश को हमें शांतिपूर्ण तरीके से नाकाम करना होगा।”