आज जब चुनाव आयोग कर्नाटक विधानसभा चुनाव की तारीखों का एलान कर रहा था तब भाजपा नेता व आईटी हेड अमित मालवीय ने चुनाव की तारीखों का एलान 15 मिनट पहले कर दिया।
अमित मालवीय के इस ट्वीट पर हंगामा खड़ा हो गया। तमाम विपक्षी नेताओं ने इसपर चुनाव आयोग से जवाब मांगा।
अमित मालवीय के इस ट्वीट के बाद बैलेट पेपर से चुनाव आयोग कराने की मांग जोर पकड़ने लगी। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इस मांग को रखा। उन्होंने लिखा कि, आज राजनीतिक लाभ के लिए टेक्नालॉजी का दुरूपयोग खुलकर हो रहा है।
‘टेक्नलॉजिक्ली लिटरेट’ शिक्षित समाज को भी आगे आकर इसका जमकर विरोध करना चाहिए। बैलेट पेपर की वापसी ‘स्वच्छ राजनीति’ व जनता में चुनावी-प्रक्रिया में विश्वास की पुनर्बहाली के लिए समय की सबसे पहली मांग है।
अखिलेश यादव की मांग के बाद प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम ने लिखा कि,कर्नाटक चुनाव की तारीखों की घोषणा चुनाव आयोग से पहले बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख द्वारा करना, चुनाव की गोपनीयता एवं सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर प्रश्न चिन्ह लगाता है। चुनाव आयोग इतनी गुप्त जानकारी को सुरक्षित नहीं रख पाया तो लाखों ईवीएम को कैसे गुप्त और सुरक्षित रखेगा?
आपको बता दें कि, फेसबुक डाटा लीक के बाद जानकारी लीक होने पर सवाल खड़े हो रहे हैँ। सत्ताधारी पार्टी के लोग कैसे चुनाव आयोग से पहले जानकारी लीक कर रहे हैं। इसपर सवाल खड़े हो रहे हैं।