आमतौर पर किसी को भारतीय मानने के लिए आधार कार्ड, पैन कार्ड, राशन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस पासपोर्ट, वोटर आईडी आदि जैसे दस्तावेजों की ज़रूरत पड़ती है। मगर मोदी सरकार आने के बाद नया नियम लागू हुआ। जिसमें जो उनके विचार से सहमत ना हो वो भारतीय नहीं है, भले ही उसके पास भारतीय होने के पुख्ता सुबूत हो, ऐसे ही चलन को बढ़ावा दिया है मोदी के मंत्री जितेन्द्र सिंह ने।
दरअसल अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बीते मंगलवार को न्यूयॉर्क में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान पीएम मोदी की तारीफ की थी। ट्रंप ने कहा था कि अगर मैं पहले के भारत को याद करूं तो वहां पर लोग अक्सर लड़ते रहते थे, लेकिन नरेंद्र मोदी ने सभी को एक साथ लाने का काम किया है। उन्होंने सभी को एक पिता की तरह साथ लाने का काम किया है, शायद वो ‘फादर ऑफ इंडिया’ हैं।
अब ट्रंप के इसी बयान पर देश में सियासत शुरू हो गई है। क्योंकि कुछ लोगों का कहना है कि भारत में राष्ट्रपिता सिर्फ एक है वो है महात्मा गांधी ऐसे में कोई दूसरा इस देश का पिता नहीं हो सकता। ऐसे बयानों पर मोदी सरकार में मंत्री जितेन्द्र सिंह ने वही जवाब दिया है जैसा किसी भी बीजेपी नेता से उम्मीद की जा सकती है।
सिंह ने कहा कि अगर किसी को इस पर गर्व नहीं होता है, तो हो सकता है कि वह खुद को भारतीय नहीं मानता हो। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि ऐसा पहली बार हुआ कि अमेरिकी राष्ट्रपति ने किसी भी प्रधानमंत्री के लिए ऐसे शब्दों का प्रयोग किया है। अगर किसी व्यक्ति को इस पर गर्व महसूस नहीं होता है, तो शायद वह खुद को भारतीय नहीं मानता है।
MoS PMO Jitendra Singh on US President Donald Trump calling PM Narendra Modi 'Father of the Nation': For the first time the US President has used such words of appreciation for any PM. If someone is not proud of it then maybe that person doesn't consider himself an Indian. https://t.co/2YZo7oZa5F
— ANI (@ANI) September 25, 2019
इससे पहले भारत माता की जय ना बोलने वाले गैर-भारतीय होने की बात कही गई थी। वहीं बीफ बैन मसले पर मोदी सरकार के मंत्री मुख़्तार अब्बास नकवी ने बयान देते हुए कहा था कि अगर आपको बीफ खाना है तो आप पाकिस्तान या किसी दूसरे देश चले जाइए। साल 2014 के लोकसभा चुनाव में गिरिराज सिंह ने बयान देते हुए कहा था कि जो मोदी को वोट नहीं करेगा वो पाकिस्तान चला जाये।
इस तरीके बयान पहले भी सुर्खिया बटोरते रहें है। विविधताओं वाले देश में ऐसे कई लोग है जो महात्मा गांधी को भी राष्ट्रपिता नहीं मानते है। इसके साथ ही उनकी हत्या करने वाले नाथूराम गोडसे की पूजा करते है तो क्या ऐसे में उन्हें भारतीय ना माना जाए? अगर किसी नागरिक से ऐसे उसकी राष्ट्रीयता किसी को मानाने और नहीं मानाने पर होने लगी तो आधे ज्यादा लोग गैर भारतीय हो जाएंगे।