मूर्ति तोड़ो आन्दोलन की आंच अब देश के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरु तक पहुँच गई है। कोलकाता में नेहरु की मूर्ति पर काली स्याही फेंकी गई है। इससे पहले कोलकाता के ही जाधव यूनिवर्सिटी में श्यामा प्रसाद मुखर्जी की मूर्ति को खंडित किया था। अब नेहरु की मूर्ति को अपमानित करने का काम किया है। हालाकिं बाद में इसे साफ़ कर दिया गया मगर सवाल वही है आखिर इस मूर्ति सियासत को बढ़ावा कौन दे रहा है।

दरअसल त्रिपुरा में बीजेपी ने जैसे ही चुनाव जीता उसके ठीक बाद लेनिन की मूर्ति गिरवा दी गई। इसके बाद तमिलनाडू उत्तर प्रदेश और फिर पश्चिम बंगाल में मूर्तियों को अपमानित करने का काम किया था। इसके घटना को बढ़ावा देने का काम बीजेपी नेताओं ने जमकर किया था।

#WestBengal: Black ink thrown at a statue of Jawaharlal Nehru in Katwa’s Telephone Maidan, last night. Police reached the spot on receiving information & the statue was cleaned later. pic.twitter.com/sT498TVaj3

— ANI (@ANI)

अब नेहरु पर सियाही फेकने से साफ़ नज़र आता है की ये मामला अब सियासी हो चला है। नेहरु की मूर्ति को पश्चिम बंगाल के कटवा में लगी हुई जिसे अपमानित किया गया है

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