गोरखपुर और फूलपुर में लोकसभा सीट हारने के बाद सीएम योगी एक्शन में है। बड़े फेरबदल की बातें कहीं जा रही है। मगर सबसे बड़े फेरबदल जो उन्हें करना अभी भी बाकी है वो है सोच में बदलाव का।

क्योकिं जब प्रदेश में होने वाले उपचुनावों की तारीखें घोषित हो चुकी थी। ठीक उसी वक़्त सीएम योगी विधानसभा में ये बयान देते है की ‘मैं एक हिन्दू और ईद नहीं मनाता’।

गोरखपुर की जनता को अपने नेता का ये बयान कतई पसंद नहीं आया और उसने इसका जवाब गोरखपुर के साथ साथ फूलपुर उपचुनाव के नतीजे के रूप में दिया। जिसके वजह से अब पुरे प्रदेश में ही नहीं बल्कि बीजेपी के अंदर से भी योगी विरोधी आवाज़ उठने लगी है।

योगी आदित्यनाथ को समझना चाहिए था की वो अब सिर्फ बीजेपी के फायरब्रांड नेता नहीं है। जो कुछ भी कहने पर उनके भड़काऊ भाषण को जनता नज़रअंदाज़ कर देगी।

वो अब उस प्रदेश से आते है जहां ईद और होली सभी के लिए है। लोग जिस होली और ईद को दुश्मनी बुलाकर गले मिलते है।

सीएम योगी ने उसी होली और ईद को अलग करने की कोशिश जिसका अंजाम उन्हें उपचुनावों में मिली हार से मिल गया। अब तो सिर्फ यही कहा जा सकता है कि योगीजी आप ईद नहीं मना सकते तो शोक मनाओ, क्योंकि हिंदुस्तान ईद भी मनाएगा और होली भी।

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