चुनाव आयुक्त अशोक लवासा की पत्नी नोवेल लवासा को आयकर विभाग (आईटी) ने नोटिस जारी किया है। बता दें कि अशोक लवासा वही शख़्स हैं, जिन्होंने लोकसभा चुनाव के समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी चीफ़ अमित शाह को आचार संहिता के उल्लंघन के मामले में क्लीन चिट दिए जाने पर ऐतराज़ जताया था।
ख़बरों के मुताबिक, अशोक लवासा की पत्नी को आईटी का ये नोटिस कई कंपनियों के स्वतंत्र निदेशक के रूप में हो रही उनकी आय के मामले में भेजा गया है। बताया जा रहा है कि आईटी इस मामले की जांच पहले से कर रही है और पिछले हफ्ते ही नोवेल लवासा से इस मामले में पूछताछ भी की जा चुकी है।
न्यूज़ 18 ने सूत्रों के हवाले से लिखा है कि चुनाव आयुक्त अशोक लवासा के भारत सरकार में सचिव का पदभार ग्रहण करने के बाद उनकी पत्नी नोवेल लवासा को कई कंपनियों का स्वतंत्र निदेशक बनाया गया था। जब अशोक लवासा पर्यावरण सचिव के तौर पर काम कर रहे थे तब नोवेल लवासा वेलस्पन ग्रुप समेत 10 कंपनियों में निदेशक थीं।
इन 10 कंपनियों में 6 वेलस्पन ग्रुप ऑफ कंपनीज़, 2 टाटा ग्रुप ऑफ कंपनीज़, 1 बलरामपुर चीनी मिल्स और 1 ओमेक्स ऑटोज़ शामिल थीं। आईटी ने नोवेल लवासा से इन कंपनीज़ में बतौर निदेशक हुई आमदनी को लेकर पूछताछ की थी।
कौन हैं अशोक लवासा?
अशोक लवासा हरियाणा केडर के 1980 बैच के आईएएस अधिकारी हैं। जो मौजूदा समय में भारतीय चुनाव आयोग के दो चुनाव आयुक्तों में से एक हैं। चुनाव आयुक्त बनने से पहले वह भारत सरकार के कई अहम विभागों में बतौर सचिव रह चुके हैं। उनका नाम सबसे ज़्यादा सुर्खियों में उस वक्त आया था जब लोकसभा चुनाव के दौरान आचार संहिता के उल्लंघन के मामले में पीएम मोदी और अमित शाह को क्लीन चिट दे दी गई थी। उन्होंने क्लीन चिट दिए जाने का विरोध किया था।
लवासा ने पीएम मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह से जुड़े पांच मामलों में क्लीन चिट दिए जाने का विरोध किया था। वह इस बात से सहमत नहीं थे कि गुजरात और अन्य पांच मामलों में सेना और एयर स्ट्राइक का ज़िक्र करने के बावजूद पीएम मोदी और अमित शाह को क्लीन चिट मिलनी चाहिए। लवासा ने मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा को इस संबंध में पत्र भी लिखा था।
Very good
Very bad politices
I don’t like this types of politics
Excellent. IASthinks that they are super powers n above the law. They have manipulated all the rules n regulations that they can intervene every where without any accountability .In the interest of Bharat, this cader needs to be scrapped n should be replaced by professionals at the earliest.
Supporting such type of politics is very bad. U will also become pray of this politics.
Yahi hai modi magik.modi hai tou sab kuch theek hai.
It’s really surprising. But I fail to understand why my wife or your wife not appointed director in any company though they are highly qualified.
देश में लोकतंत्र खत्म किया जा चुका है और सरकार निरंकुश हो चुकी है ,वो दिन दूर नहीं जब जनता इस निरंकुश सरकार के विरुद्ध सड़को पर होगी क्योंकि ििनतरनेट पर बैठे दो कौड़ी के मोदी के ट्रोल्स से सरकार नहीं चलती