बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ब्रिटेन की राजनीतिक परामर्श देने वाली कंपनी और फेसबुक डाटा चोरी की आरोपी कैम्ब्रिज अनालिटिका (सीए) की सेवा ले चुके हैं। यह दावा कंपनी के पूर्व कर्मी और व्हिसलब्लोवर क्रिस्टफर वाइली ने बुधवार (28 मार्च) को किया।

बता दें, कि कैम्ब्रिज एनालिटिका नाम की फर्म यानि कंपनी पर फेसबुक के पांच करोड़ यूज़र की निजी जानकारी चुराने का आरोप है। इस फर्म ने अमेरिका राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रम्प के लिए काम किया था। ये कहा जा रहा है कि इसने इस डाटा का प्रयोग इस चुनाव में ट्रम्प को फायदा पहुँचाने के लिए किया है।

उन्होंने कहा है कि साल 2010 के बिहार विधानसभा चुनावों में नीतीश की पार्टी जेडी (यू) ने कंपनी की सेवाएं ली थीं। कंपनी की ऑफशूट एससीएल इंडिया ने इसके अलावा साल 2009 में लोकसभा चुनावों के दौरान कई राजनेताओं और उम्मीदवारों के राजनीतिक अभियान से जुड़ा काम संभाला था। वाइली ने अपने खुलासे में नीतीश का नाम भी ज़ाहिर किया।

कैम्ब्रिज अनालिटिका डेटा चोरी के मामले में भारतीय राजनीति में भी खलबली मची हुई है। कांग्रेस और भाजपा के बीच इसी मसले पर जंग छिड़ी हुई है। दोनों पार्टियाँ एक दूसरे पर इस कंपनी की सेवाएँ लेने का आरोप लगा रही हैं।

गौरतलब है कि इस कंपनी ने अपनी भारतीय ब्रांच जेडी (यू) नेता के.सी.त्यागी के बेटे अमरीश की कंपनी ऑल्वेनो बिजनेस इंटेलिजेंस (ओबीआई) प्राइवेट लिमिटेड के साथ मिलकर एससीएल इंडिया बनाई थी। यह कंपनी 2011 में शुरू हुई थी। जेडी (यू) लम्बे समय से भाजपा की राजनीतिक साझेदार है।

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