गुजरात विधानसभा में नवनिर्वाचित विधायक और दलित नेता जिग्नेश मेवाणी को सदन में बोलने के लिए सिर्फ 40 सेकंड ही मिल सका।

गुजरात विधानसभा के स्पीकर ने उन्हें महज 40 सेकंड का ही समय दिया। मेवाणी ने सदन में बोलते हुए कहा कि पीड़ित परिवार को 8 लाख रुपये देने की घोषणा की गई थी, जो अब तक पूरी नहीं हुई है।

जिग्नेश इतना ही बोल पाए थे की उनका माइक अचानक बंद कर दिया गया। सदन में खुद के साथ हुए ऐसे रवैये को उन्होंने दलित विरोधी बताया है। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा कि वाह क्या लोकतंत्र है।

जिन्होंने आत्मदाह किया वह भानु भाई वनकर मामले में विधानसभा में बोलने को ख़डा हुआ और सिर्फ 2 लाइन बोला कि स्पीकर महोदय ने हमारा माइक बंध करवा दिया और हाउस को एडजर्न कर दिया। विधानसभा के बाहर हमे सुनते नही और जीतकर अंदर गया तो बोलने नही देते।


उन्होंने बीजेपी सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार का मानना है कि दलितों को दी जाने वाली जमीन पर दलितों का कोई हक नहीं है।

बता दे कि मेवाणी दलित सामाजिक कार्यकर्ता भानुभाई वणकर की मौत पर बोल रहे थे जिन्होंने पिछले हफ्ते कलेक्टर ऑफिस में खुद को आग लगाकर जान दे दी थी। भानुभाई की मांग थी की   दलितों को सरकार की ओर से आवंटित जमीन के कब्ज़े की अनुमति देनी चाहिए।

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