3 फरवरी को नोएडा में हुए फर्जी एनकाउंटर के बाद जितेन्द्र यादव की हालत अभी भी नाज़ुक बनी हुई है। गले में गोली लगने की वजह से जितेन्द्र अब शायद ही सामान्य जीवन जी पाएंगे। इस फर्जी एनकाउंटर के बाद योगी सरकार और यूपी पुलिस सवालों के घेरे में है।
जितेन्द्र यादव के फर्जी एनकाउंटर के बाद समाजवादी पार्टी, कांग्रेस और आरएलडी समेत अन्य पार्टियों ने योगी के ‘एनकाउंटर स्कीम’ को कठघरे में खड़ा किया था। अब सरकार से मदद ना मिलने पर गुरुवार को न्याय की गुहार लगाते हुए जितेन्द्र के परिजनों ने पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से मिले।
मुलाकात कर परिजनों ने सीबीआई जाँच की मांग, इलाज की व्यवस्था, जीतेन्द्र की पत्नी को सरकारी नौकरी देने की मांग और आरोपी पुलिसवालों के खिलाफ कार्यवाही की मांग की।
बता दें कि सपा विधान परिषद में जितेन्द्र के एनकाउंटर की सीबीआई जाँच और जितेन्द्र की पत्नी को सरकारी नौकरी देने की मांग कर चुकी है, लेकिन योगी सरकार ने अभी तक एक भी मांग को स्वीकार नहीं किया है।
सपा प्रवक्ता अनिल यादव शुरू से इस प्रकरण के साथ जुड़े रहे हैं, उनके नेतृत्व में जितेन्द्र यादव के पिता नेपाल सिंह से मुलाकात के बाद अखिलेश यादव ने उनको आश्वासन दिया कि अगर बीजेपी सरकार उनकी मांगें नहीं मानती है तो सपा की सरकार आने के बाद जितेन्द्र की पत्नी को सरकारी नौकरी दी जाएगी।