भाजपा शासित उत्तर प्रदेश में कोरोना महामारी के दौरान भी अपराध कम नहीं हुआ है। राज्य के कोने कोने से हत्याओं और महिला अपराध के मामले सामने आते रहे हैं।

इसी बीच प्रयागराज के स्वरूप रानी नेहरू अस्पताल में भर्ती गैंगरेप पीड़िता की मौत होने से अस्पताल और पुलिस प्रशासन में हड़कंप मच गया है।

बताया जाता है कि गैंगरेप पीड़िता जब अस्पताल में भर्ती थी। तो पुलिस ने उसका बयान दर्ज नहीं किया। शिकायत करने के बावजूद आरोपियों पर एफआईआर दर्ज नहीं की।

पुलिस पर आरोप लग रहे हैं कि आरोपियों को बचाए जाने की कोशिश की जा रही थी।

इस मामले में भारत समाचार के एडिटर इन चीफ ब्रजेश मिश्रा ने भी ट्वीट कर यूपी पुलिस को सवालों के कटघरे में खड़ा किया है। उन्होंने लिखा है कि ये नाइंसाफी की इंतेहा है।

प्रयागराज की पावन धरती आज शर्मसार है। एक युवती के साथ सरकारी अस्पताल मे गैंगरेप हुआ। युवती ने पुलिस को बयान भी दिया। लेकिन FIR तक नही लिखी गयी।

आज युवती ने उसी अस्पताल मे तड़प-तड़प कर दम तोड़ दिया। ज़िंदा थी तो इंसाफ के लिए दुत्कारी गयी। ये अमानवीयता है।

बताया जाता है कि युवती को मिर्जापुर से प्रयागराज स्थित अस्पताल में आंत का ऑपरेशन करवाने के लिए लाया गया था। जहां ऑपरेशन थिएटर में उसके साथ गैंगरेप किया गया।

इस मामले में पीड़िता ने अपने भाई को एक पत्र लिखकर जानकारी दी थी। जब पीड़िता के परिवार ने अस्पताल प्रशासन से इस मामले में सवाल किए तो उन्होंने इस तरह की कोई भी घटना होने से इनकार कर दिया।

बताया जा रहा है कि पीड़िता का एक वीडियो सोशल मीडिया पर भी सामने आया है।

जो कि उसके चचेरे भाई द्वारा बनाया गया है। इस वीडियो में पीड़िता कागज पर कुछ लिखते हुए अपने सगे भाई को उसके साथ हुए गैंगरेप के बारे में बता रही हैं।

 

गैंगरेप पीड़िता को इंसाफ दिलाने के लिए महिला संगठनों द्वारा आवाज उठाई जा रही है। उनका कहना है कि अस्पताल प्रशासन और पुलिस द्वारा सबूतों को छुपाने के लिए पीड़िता के मरने का इंतजार किया। यह सब साजिश के तहत किया गया है।

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