उन्नाव केस को सुप्रीम कोर्ट ने अब उत्तर प्रदेश से दिल्ली ट्रांसफर कर दिया है। इससे साफ़ हो गया है कि अब कोर्ट भी योगी सरकार पर भरोसा नहीं कर सकती है वो भी तब जब लगातार दो साल से इस मामले में राज्य की योगी सरकार अपने विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को बचाने में लगी हुई है।

उन्नाव केस को दिल्ली ट्रान्सफर किए जाने पर पत्रकार दिलीप मंडल ने लिखा- लड़की यूपी में सुरक्षित नहीं है। उसे दिल्ली लाकर एम्स में इलाज कराया जाए। जान बचाई जाए लड़की की। अब परिवार में वह अकेली रह गई है। बहुत बड़ा जोखिम ले लिया बच्ची ने बलात्कार की शिकायत करके।

गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने उन्नाव मामले पर स्वतः संज्ञान लेते हुए सुनवाई की। इस दौरान कोर्ट ने इस मामले में सूबे की योगी सरकार की लापरवाही को मानते हुए पीड़िता को 25 लाख रुपये का मुआवजा देने का निर्देश दिया। इसके साथ ही कोर्ट ने सीआरपीएफ को तत्काल प्रभाव से पीड़ित परिवार के सदस्यों को सुरक्षा मुहैया कराने का आदेश दिया।

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गौरतलब हो कि बीते रविवार को पीड़िता की कार को एक ट्रक ने टक्कर मार दी थी, जिसमें उसकी चाची और मौसी की मौत हो गई थी और पीड़िता और उसके वकील गंभीर रूप से घायल हैं। जिस ट्रक से टक्कर मारी गई है उसकी नंबर प्लेट काले रंग से पेंट कर दी गई थी। ताकि ट्रक को कोई जल्दी से पहचान ना पाए। आरोपी विधायक अभी तक बीजेपी में है।

बता दें कि हादसे के बाद से ही पीड़िता किंग जॉर्ज मेडिकल कॉलेज में भर्ती है, जहां उसकी स्थिति गंभीर बनी हुई है। पीड़िता के वकील की भी हालत स्थिर बनी हुई है।

स्वास्थ्य बुलेटिन के मुताबिक उन्नाव रेप केस की पीड़िता और उसके वकील की हालत नाजुक बनी हुई है। किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) की ओर से गुरुवार दोपहर 11 बजे जारी मेडिकल बुलेटिन के मुताबिक, पीड़िता और उनके वकील की हालत नाजुक बनी है। दोनों वेंटिलेटर पर रखे गए हैं। दोनों की सेहत में कोई सुधार नहीं हो रहा है।

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